जयपुर। राजस्थान हाई कोर्ट ने क्रिकेटर यश दयाल को नाबालिग से दुष्कर्म मामले में कोई राहत नहीं दी है। पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज केस में उनकी गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दी गई है। अदालत में शुक्रवार को हुई सुनवाई में पीड़िता के वकील ने याचिका का विरोध किया और कोर्ट ने यश की दलीलों को खारिज कर दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई सितंबर के पहले सप्ताह में होने की उम्मीद है।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के तेज गेंदबाज यश दयाल पर जयपुर के सांगानेर सदर थाने में 23 जुलाई को नाबालिग से रेप का केस दर्ज हुआ था। पीड़िता का कहना है कि वह एक उभरती हुई क्रिकेटर है और साल 2023 में यश से मुलाकात हुई थी। उस समय वह 17 साल की थी। आरोप है कि यश ने क्रिकेट में करियर बनाने में मदद का झांसा देकर उसका दो साल तक शारीरिक और भावनात्मक शोषण किया।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि पहली बार 2023 में जयपुर के सितापुरा इलाके के एक होटल में यश ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद यह सिलसिला जारी रहा। वहीं, यश दयाल ने कोर्ट में दलील दी कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है, लेकिन अदालत ने उनकी बात नहीं मानी।
गौरतलब है कि यश दयाल के खिलाफ पहले भी आरोप लग चुके हैं। गाजियाबाद की एक महिला ने उन पर शादी का झूठा वादा करके पांच साल तक शारीरिक और भावनात्मक शोषण का मामला दर्ज कराया था। उस केस में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी।
लेकिन जयपुर के इस मामले में अदालत का रुख सख्त है। हाई कोर्ट ने साफ कहा कि पीड़िता नाबालिग है, इसलिए गिरफ्तारी और पुलिस की कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई जा सकती। अदालत ने केस डायरी भी तलब की थी। अब इस केस में यश दयाल की मुश्किलें और बढ़ गई हैं और गिरफ्तारी की तलवार उनके सिर पर लटक रही है।