झारखंड चुनाव के ऐलान से पहले सियासी हलचल बढ़ गई है. पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) से नाता तोड़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थामने जा रहे हैं. वहीं, अब पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा भी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यधारा की सियासत में वापसी की कवायद में जुट गए हैं.
यशवंत सिन्हा के अब अपनी पार्टी बनाने की खबर है. सिन्हा की अगुवाई वाली पार्टी के गठन का फैसला हजारीबाग में अटल विचार मंच की बैठक में लिया गया. जानकारी के मुताबिक हजारीबाग के अटल भवन में अटल विचार मंच की बैठक हुई. प्रोफेसर सुरेंद्र सिन्हा की अध्यक्षता में हुई बैठक में देश के विदेश और वित्त मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा भी मौजूद थे. सुरेंद्र सिन्हा, यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत के संसदीय क्षेत्र प्रतिनिधि भी थे.
अटल विचार मंच की बैठक में झारखंड की राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा के बाद राजनीतिक पार्टी के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया. यशवंत सिन्हा की अगुवाई में गठित होने वाली पार्टी का नाम भी अटलबिहारी वाजपेयी के नाम पर ही होगा. यशवंत सिन्हा ने कहा कि आज की राजनीति चाटुकारिता की हो गई है. भारत रत्न अटलबिहारी वाजपेयी के विचारों पर चलकर ही समाज को स्वच्छ राजनीति कर हर वर्ग का उत्थान किया जा सकता है. उनके विचारों और सिद्धांतों पर चलने की आवश्यकता है.
उन्होंने ये भी कहा कि इस संगठन में समाज के हर वर्ग के लोगों को जोड़ा जाए. बैठक में अटल विचार मंच के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अटलजी के विचारों पर चलकर उनके सपनों को पूरा करने का हर संभव प्रयास का संकल्प व्यक्त किया. यशवंत सिन्हा की अगुवाई में पार्टी का गठन कब तक होगा, इसे लेकर कोई जानकारी अभी सामने नहीं आई है. गौरतलब है कि यशवंत सिन्हा जनता दल और बीजेपी के बाद ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस में भी रहे.
पिछले राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को ही उम्मीदवार बनाया था. हजारीबाग सीट से संसदीय लंबी पारी खेल चुके यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा इस सीट से सांसद रहे. इस बार बीजेपी ने जयंत का टिकट काट दिया था. गौरतलब है कि यशवंत सिन्हा के परिवार ने हजारीबाग में बीजेपी दफ्तर के लिए अटल भवन दिया हुआ था.