छत्तीसगढ़ में रविवार को मौसम विभाग ने राजनांदगांव, महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, कांकेर, नारायणपुर और बीजापुर समेत सात जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में बिजली गिरने, तेज हवाएं चलने और बादल गरजने की संभावना जताई गई है। बाकी जिलों में मौसम सामान्य रहने का अनुमान है। विभाग ने बताया कि आज से पूरे प्रदेश में बारिश की तीव्रता कम होने लगेगी।
पिछले 24 घंटों में राज्य के लगभग सभी संभागों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। दुर्ग में अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री और न्यूनतम 20.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि यह बारिश ‘पोस्ट मानसून’ की श्रेणी में आ चुकी है, यानी अब मानसून के लौटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
धमतरी जिले में बाढ़ के कारण एक 65 वर्षीय पुजारी जोरातराई गांव के पास टापू पर फंस गए थे। वे पूजा के लिए महानदी पार कर रहे थे, तभी पानी का बहाव बढ़ गया। आठ घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद प्रशासनिक टीम ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला।
इसी तरह गरियाबंद जिले में ग्रामीणों ने मानवता की मिसाल पेश की। यहां 24 वर्षीय गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर परिजन उसे खाट पर बांधकर नदी पार कराते हुए अस्पताल लेकर गए। अमाड़ नदी उफान पर थी, लेकिन ग्रामीणों ने जोखिम उठाकर महिला को सुरक्षित देवभोग के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया।
मौसम विभाग के अनुसार, छत्तीसगढ़ में आमतौर पर 5 अक्टूबर तक सरगुजा की तरफ से मानसून की वापसी शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार इसमें 10 दिन की देरी हो सकती है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि मानसून करीब 15 अक्टूबर के बाद लौटेगा।
राज्य में अब तक औसतन 1167.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। बेमेतरा में सबसे कम 524.5 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 50 प्रतिशत कम है, जबकि बलरामपुर में 1520.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जो सामान्य से 52 प्रतिशत अधिक है।
मौसम विशेषज्ञों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि बिजली गिरने की संभावना वाले इलाकों में खुले मैदान, पेड़ों या बिजली के खंभों के नीचे खड़े न हों और खराब मौसम के दौरान घर के अंदर ही सुरक्षित रहें।