भोपाल। विदेश यात्रा की तैयारी कर रहे यात्रियों के लिए राहत की खबर है। एम्स भोपाल में यलो फीवर वैक्सीनेशन की सुविधा दोबारा शुरू हो गई है। यह टीका अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के 42 देशों की यात्रा करने वाले लोगों के लिए अनिवार्य है। इन देशों का वीजा पाने के लिए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी होता है।
मध्यप्रदेश में यह सुविधा केवल एम्स भोपाल में उपलब्ध है। यहां हर बुधवार को टीका लगाया जाएगा। पिछले डेढ़ महीने से वैक्सीन का स्टॉक खत्म होने के कारण यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई लोगों को दिल्ली और मुंबई जाकर यह टीका लगवाना पड़ा था। अब स्टॉक आने के बाद एम्स भोपाल ने अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी दी है। औसतन हर महीने 200 से 250 यात्री यह टीका लगवाते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, यलो फीवर वैक्सीन ब्राजील, फ्रांस और रूस में तैयार की जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इसे भारत सरकार को उपलब्ध कराता है। इसके बाद यह खेप हिमाचल प्रदेश के कसौली स्थित केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआई) भेजी जाती है। गुणवत्ता जांच के बाद ही वैक्सीन देशभर के 63 अधिकृत केंद्रों तक पहुंचती है। मध्यप्रदेश में सिर्फ एम्स भोपाल इस सूची में शामिल है।
टीका लगवाने के बाद व्यक्ति को कम से कम 30 मिनट तक सेंटर पर रुकना जरूरी है ताकि किसी भी तत्कालिक दुष्प्रभाव की निगरानी की जा सके। यदि बुखार, सिरदर्द, चक्कर, थकान या एलर्जी जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर को सूचित करना चाहिए। हल्के दुष्प्रभाव आम तौर पर तीन से नौ दिन में दिख सकते हैं, जबकि गंभीर जटिलताएं बेहद कम मामलों में सामने आती हैं।
यात्रियों के लिए यह सुविधा दोबारा शुरू होना बड़ी राहत माना जा रहा है, क्योंकि अब उन्हें लंबी दूरी तय करके अन्य राज्यों में जाने की जरूरत नहीं होगी। यह कदम खासतौर पर उन लोगों के लिए सहूलियत भरा है जो निकट भविष्य में विदेश यात्रा की तैयारी कर रहे हैं।