छत्तीसगढ़ में रविवार को 15 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार इन जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने और तेज हवाओं की संभावना है। अलर्ट वाले जिलों में रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, मुंगेली, कबीरधाम, गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही के साथ-साथ बलौदाबाजार, बेमेतरा, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, धमतरी, महासमुंद, बालोद, गरियाबंद और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी शामिल हैं।
राजधानी रायपुर में शनिवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री और न्यूनतम 23.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से कम था। रविवार सुबह बादल छाए रहे, लेकिन बाद में धूप निकल आई। मौसम विभाग ने 30 सितंबर से प्रदेश में बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी की संभावना जताई है।
पिछले 24 घंटों में कई जिलों में तेज बारिश दर्ज की गई। मर्री बंगला देवरी में 110 मिमी, राजनांदगांव, बड़ेबचेली और छोटेडोंगर में 80 मिमी, डौंडीलोहारा, दुर्गकोंदल, अंबागढ़ चौकी, अर्जुंदा और तोंगपाल में 70 मिमी, कोंडागांव, डौंडी, माकड़ी, छिंदगढ़, कुमरदा में 60 मिमी और पिथौरा, कांकेर, फरसगांव, धनोरा, खडगांव, मानपुर, औंधी, गुंडरदेही, छुरिया और दंतेवाड़ा में 50 मिमी बारिश हुई।
बलरामपुर जिले में अब तक सबसे ज्यादा 1512.9 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 53% अधिक है। वहीं बेमेतरा जिले में 516 मिमी पानी बरसा, जो सामान्य से 50% कम है। अन्य जिलों जैसे बस्तर, राजनांदगांव और रायगढ़ में वर्षा सामान्य के आसपास रही।
मौसम विभाग के अनुसार मानसून की वापसी रेखा गुजरात से उत्तर प्रदेश तक सक्रिय है। दक्षिण ओडिशा और छत्तीसगढ़ क्षेत्र में बने दबाव का प्रभाव अगले 24 घंटों में कमजोर होकर लो प्रेशर एरिया में बदल सकता है।
बिजली गिरने की प्रक्रिया के बारे में विभाग ने बताया कि बादलों में पानी की बूंदें और बर्फ के कण हवा से रगड़ खाते हैं, जिससे उनमें पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज जमा होता है। जब ये विपरीत चार्ज वाले बादल आपस में टकराते हैं, तो बिजली बनती है। आमतौर पर यह बिजली बादलों के भीतर ही रहती है, लेकिन कभी-कभी इतनी तेज होती है कि धरती तक पहुंच जाती है। पेड़, पानी, बिजली के खंभे और धातु के सामान बिजली के कंडक्टर बन जाते हैं, जिससे लोगों को सावधानी बरतनी जरूरी है।