छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष रूपनारायण सिन्हा ने सर्किट हाउस एक प्रेस क्रांफेस आयोजित कर राज्य में योग को जन-जन तक पहुंचाने के लिए योग आयोग के द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया. इसके साथ ही उन्होंने स्वस्थ जीवनशैली के लिए योग के महत्व के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र संघ ने 11 दिसंबर 2014 में 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया था. आज पूरी दुनिया योग का लाभ लेकर स्वस्थ जीवनशैली को अपना रहे हैं. छत्तीसगढ़ में योग आयोग का गठन 2017 में हुआ. तब से योग आयोग का प्रयास रहा है कि छत्तीसगढ़ के दूरस्थ इलाकों में योग के प्रचार-प्रसार कर इसके महत्व के बारे में बताया जाए.
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में योग ओलम्पियाड की शुरूआत जशपुर से होगी. समाज कल्याण विभाग के द्वारा योगासन कार्यक्रम का आयोजन कर शहरां से लेकर गांवों तक योग से होने वाले लाभों की जानकारी लोगों तक पहुंचाई जा रही है। योग का जन्म भारतभूमि पर हुआ है. यह हमारे ऋषि-मुनियों के द्वारा खोजी गई विधा है, इस विधा का लाभ आज संपूर्ण विश्व को मिल रहा है. योग के यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारना, ध्यान, साधना, समाधि है. उन्होंने कहा कि शालेय छात्रों के जीवनचर्या में योग को शामिल करने के लिए कार्यक्रम चलाया जाएगा. इसके लिए एक साकारात्मक महौल बनाया जाएगा, ताकि लोग स्वमेंव इससे जुड़कर इसका लाभ ले सके. उन्होंने कहा कि योग आयोग के तत्वावधान में गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ प्रसव हेतु आवश्यक योगाभ्यास सिखाने हेतु पूर्व में भी अभियान चलाया गया था. जिसके साकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं. वन्य क्षेत्रों मे भी ग्रामीणों को योग से जोड़ने के लिए आयोग के द्वारा विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने योगों से होने वाले लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी.