योगेंद्र यादव ने बताया क्यों हार गई आम आदमी पार्टी, केजरीवाल को दी नसीहत

देश की राजधानी दिल्ली में बीते 27 सालों का भारतीय जनता पार्टी का वनवास खत्म हो गया. बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी को धूल चटा दिया है.

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बीजेपी की सुनामी में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल समेत सिसोदिया और सतेंद्र जैन जैसे पार्टी के बड़े चेहरे भी चारों खाने चित हो गए. दिल्ली में बीजेपी 42 सीटें जीतकर स्पष्ट जनादेश हासिल कर चुकी है जबकि 6 सीटों पर अपनी बढ़त बनाए हुए हैं. वहीं आम आदमी पार्टी को सिर्फ 20 सीटों पर जीत मिली है और 2 सीटों पर उसकी बढ़त है. दिल्ली में विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं.

योगेंद्र यादव ने बताए AAP की हार के कारण

ऐसे में कभी आम आदमी पार्टी के सिपहसालार रहें योगेंद्र यादव ने AAP की हार को लेकर अलग ही तर्क दिया है जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.

भारत जोड़ो अभियान के संयोजक और रीजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने इसे आम आदमी पार्टी की हार नहीं बल्कि पूरे विपक्ष की हार बताया है. योगेंद्र यादव ने कहा, ‘यह हार सिर्फ AAP के लिए नहीं, बल्कि उन सभी लोगों के लिए एक झटका है जिन्होंने भारतीय राजनीति में वैकल्पिक राजनीति का सपना पाला था. आम आदमी पार्टी कह सकती है कि उसने दस साल बाद चुनाव गंवाया और वोट शेयर में सिर्फ 5% का अंतर था, लेकिन जब पार्टी के शीर्ष नेता ही अपनी सीटें हार जाएं, तो यह सिर्फ एक सामान्य हार नहीं होती, बल्कि एक बड़ी चेतावनी होती है. बीजेपी यहीं नहीं रुकेगी और और वो आम आदमी पार्टी को तोड़ने की भी कोशिश करेगी.’

मुफ्त योजनाओं के भरोसे नहीं जीत सकते चुनाव: योगेंद्र यादव

हार के अन्य कारण गिनाते हुए योगेंद्र यादव ने आगे कहा, इस चुनाव में हार ये बताती है कि सिर्फ मुफ्त योजनाओं के भरोसे चुनाव नहीं जीते सकते हैं. अगर AAP को 42-43% वोट मिले हैं, तो यह इन्हीं योजनाओं के कारण हैं, लेकिन जनता को सिर्फ मुफ्त सुविधाएं ही नहीं, बल्कि सुशासन (गवर्नेंस), अच्छी सड़कें और साफ-सुथरी दिल्ली भी चाहिए. उन्होंने कहा कि अब MCD पर भी AAP का नियंत्रण है, ऐसे में दिल्ली की सफाई और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जनता की उम्मीदें और बढ़ गई थीं. जब सरकार इन जरूरतों को पूरा नहीं कर पाई, तो जनता ने नकार दिया.

बीजेपी को हराने के लिए 5 साल जनता के बीच रहना होगा: योग्रेंद्र यादव

योगेंद्र यादव ने आगे कहा कि यह हार विपक्ष के लिए एक नई शुरुआत भी हो सकती है. इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) महाराष्ट्र चुनाव के बाद से ही कमजोर पड़ा है. इस हार के बाद विपक्ष को आत्ममंथन करना चाहिए और बीजेपी का मुकाबला करने के लिए एक स्पष्ट रणनीति बनानी चाहिए. उन्होंने कहा कि चुनाव से 6 हफ्ते पहले तैयार होने से बीजेपी को हराया नहीं जा सकता. इसके लिए विपक्ष को पूरे 5 साल जनता के बीच रहना होगा.

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