UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश अब जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग वाले उत्पादों के मामले में नया कीर्तिमान रचने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है. फिलहाल प्रदेश में 77 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है, लेकिन अब सरकार की योजना है कि इस संख्या को 2025-26 तक 152 तक पहुंचा दिया जाए. यानी, उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है जिसके पास 150 से ज्यादा जीआई टैग होंगे.
एमएसएमई विभाग द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना के तहत 75 नए उत्पादों को जीआई टैग दिलाने का लक्ष्य तय किया गया है. इनमें से 25 उत्पादों के लिए आवेदन जीआई रजिस्ट्री (चेन्नई) में जमा किया जा रहा है. जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी प्रदेश के जीआई टैग उत्पादों की संख्या 100 से ऊपर पहुंच जाएगी.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
क्या है जीआई टैग?
जीआई टैग उस खास पहचान को कहते हैं जो किसी क्षेत्र के पारंपरिक उत्पाद को दी जाती है. जैसे बनारसी साड़ी, गोरखपुर का टेराकोटा, कन्नौज का इत्र, मऊ का सिल्क, लखनऊ की चिकनकारी आदि. इससे न सिर्फ उस क्षेत्र के कारीगरों को सम्मान मिलता है, बल्कि उनके उत्पादों की पहचान, बिक्री और निर्यात में भी इजाफा होता है.
उद्यमियों को मिलेगा ऑथोराइज्ड यूजर का दर्जा
सरकार का जोर अब सिर्फ जीआई टैग की संख्या बढ़ाने पर नहीं, बल्कि इससे जुड़े लोगों को ऑथोराइज्ड यूजर के तौर पर पहचान देने पर भी है. इसके लिए अधिक से अधिक उद्यमियों को जोड़ा जाएगा, जिन्हें विशेष प्रशिक्षण और पहचान दी जाएगी ताकि वे अपने उत्पादों की ब्रांडिंग और बिक्री कर सकें.
ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन से होगा एमओयू
एमएसएमई विभाग जल्द ही जीआई टैग उत्पादों को बढ़ावा देने वाली संस्था ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन के साथ एमओयू करने जा रहा है. इससे जीआई टैग की प्रक्रिया और मजबूत होगी और उत्पादों की नकल या गलत इस्तेमाल पर रोक लगेगी. इस योजना से न केवल स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को फायदा होगा बल्कि प्रदेश में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. साथ ही पारंपरिक उत्पादों और ग्रामीण हस्तशिल्प को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय बाजार में नई पहचान मिलेगी.
गौरतलब है कि जीआई टैग पाने वाले उत्पादों की संख्या में उत्तर प्रदेश पहले से ही देश में सबसे आगे है. अब योगी सरकार इसे और मजबूत कर उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में एक और मजबूत कदम बढ़ा रही है.