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यूपी में एनकाउंटर को लेकर योगी सरकार की नई गाइडलाइन, शूटआउट साइट की करानी होगी वीडियोग्राफी

यूपी पुलिस पर एनकाउंटर को लेकर सवाल उठने के बाद योगी सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है. डीजीपी की ओर से इसको लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. इसके तहत एनकाउंटर में अपराधी की मौत या घायल होने पर शूटआउट साइट की वीडियोग्राफी करानी होगी. अगर एनकाउंटर में अपराधी की मौत हो जाती है तो दो डॉक्टरों का पैनल डेडबॉडी का पोस्टमार्टम करेगा और उसकी भी वीडियोग्राफी होगी. इतना ही नहीं जिस जगह पर शूटआउट हुआ, वहां फॉरेंसिक टीम भी निरीक्षण करेगी.

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डीजीपी की तरफ से कहा गया है कि जहां एनकाउंटर हुआ है उस क्षेत्र के थाने की पुलिस जांच नहीं करेगी. दूसरे थाने की पुलिस या फिर क्राइम ब्रांच से उसकी जांच कराई जाएगी. एनकाउंटर में शामिल अफसरों से एक रैंक ऊपर के अधिकारी ही इसकी जांच करेंगे. डीजीपी की ओर से सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को यह निर्देश जारी किए गए हैं.

एनकाउंटर हुए अपराधी के परिजनों को तुरंत देनी होगी जानकारी

डीजीपी की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि एनकाउंटर में मारे गए बदमाश के परिजनों को तुरंत इसके बारे में सूचित किया जाए और इसकी जानकारी पंचायतनामा में दी जाए. इसके अलावा एनकाउंटर में इस्तेमाल किए गए हथियारों को सरेंडर करना होगा, जिनकी जांच की जाएगी. जिन मामलों में अपराधी सामान्य अथवा गंभीर रूप से घायल होते हैं, ऐसे सभी मामलों में अपराधी के हेंडवाश एवं अपराधी से बरामद हथियारों का बैलस्टिक परीक्षण अवश्य कराया जाए.

अखिलेश यादव ने बनाया था एनकाउंटर का मुद्दा

हाल ही में सुल्तानपुर में हुए मंगेश यादव एनकाउंटर का समाजवादी पार्टी समेत विपक्ष की कई पार्टियों ने मुद्दा बनाया था. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगेश यादव के एनकाउंटर को फर्जी बताकर पुलिस पर उसकी हत्या करने का आरोप लगाया था. उन्होंने इसे पीडीए से जोड़ते हुए आरोप लगाया था कि यूपी पुलिस इन्हीं तबके के लोगों को फर्जी एनकाउंटर में मार रही है. हालांकि इसका जवाब यूपी पुलिस की ओर से दिया गया था.

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