ऑपरेशन सिंदूर के समय सेना की कार्रवाई की जानकारी दे रहीं विंग कमांडर व्योमिका सिंह की जाति को लेकर सपा सांसद रामगोपाल यादव ने विवादित बयान दिया. मामले को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. साथ ही कहा कि उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुलिस उनकी हेकड़ी निकालेगी.
वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, “भारतीय सेना और हिंदू समाज पर अपनी पार्टी की विभाजनकारी मानसिकता के साथ प्रहार करने वाले समाजवादी पार्टी के महासचिव राम गोपाल यादव के बयान के विरुद्ध विश्व हिंदू परिषद ने उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के सिविल लाइंस थाने में शिकायत दर्ज की है. शिकायत में उनकी इस देश विरोधी और हिंदू द्रोही मानसिकता के साथ वर्जित शब्दों का प्रयोग करते हुए अनुसूचित जाति के घोर अपमान के विरुद्ध अविलंब केस दर्ज कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग की है.”
उन्होंने आगे कहा, “आशा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जांबाज यूपी पुलिस राज्य की विपक्षी पार्टी के महासचिव की हेकड़ी निकाल कर इस पार्टी की ओर से बारम्बार किए जा रहे आघातों से समाज व देश को मुक्ति दिलाएंगे.”
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, रामगोपाल यादव ने यह आरोप लगाकर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है कि बीजेपी के एक मंत्री ने सेना अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को इसलिए निशाना बनाया क्योंकि वह मुस्लिम हैं, जबकि विंग कमांडर व्योमिका सिंह को यह मानकर छोड़ दिया कि वह राजपूत थीं.
मुरादाबाद में एक कार्यक्रम में विवादित टिप्पणी करते हुए रामगोपाल ने मध्य प्रदेश में बीजेपी के मंत्री विजय शाह की पिछली टिप्पणी का जिक्र किया. सपा महासचिव ने कहा, “उनके एक मंत्री ने कर्नल कुरैशी को गाली दी. हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ फिर से मामला दर्ज करने का आदेश दिया है लेकिन उन्हें नहीं पता कि व्योमिका सिंह या एयर मार्शल एके भारती कौन हैं. नहीं तो वे उन्हें भी निशाना बनाते.”
‘हरियाणा की जाटव हैं व्योमिका सिंह’
समाजवादी पार्टी के नेता ने इसके बाद सिंह और भारती की जाति की पहचान करते हुए कहा कि सिंह हरियाणा की जाटव हैं और भारती पूर्णिया के यादव हैं. उन्होंने आगे कहा, “ये तीनों पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) से थे. एक के साथ इसलिए दुर्व्यवहार किया गया क्योंकि वह मुस्लिम थी, दूसरी को इसलिए छोड़ दिया गया क्योंकि उसे राजपूत समझकर छोड़ दिया गया और तीसरी के बारे में पता ही नहीं था. अब जब यह बात अखबारों में आ गई है तो वे सोच रहे हैं कि क्या किया जाए.