महिलाओं का सम्मान करना, समाज में समानता और न्याय की स्थापना के लिए बहुत जरूरी माना जाता है. इसका मतलब है कि महिलाओं के साथ उनकी गरिमा और सम्मान का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया जाए. उनके अधिकारों का सम्मान करना, और उन्हें समान अवसर प्रदान करना चाहिए. लेकिन जब उनके साथ भेदभाव किया जाता है, चाहें वो काम पर हो, शिक्षा को लेकर हो या फिर सामाजिक जीवन में हो, तो ये उनके मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालता है. कई बार महिलाएं अपने साथ हो रहे भेदभाव को लेकर मानसिक रूप से परेशान रहती हैं और आत्मघाती कदम उठा लेती है, जो समाज और उनके परिवार के लिए किसी भी तरह से सही नहीं माना जा सकता है.
हाल ही में यूपी की राजधानी लखनऊ में सीबी-सीआईडी में तैनात एएसपी मुकेश प्रताप सिंह की पत्नी ने सुसाइड कर लिया. उनके इस आत्मघाती कदम से कई तरह के सवाल खड़े हो गए. एएसपी की पत्नी थीं तो स्वाभाविक है कि वो शिक्षित भी होंगी, और अच्छे-बुरे की समझ भी रखती होंगी. इसके बावजूद उन्होंने क्यों सुसाइड किया… इस तरह के कई सवाल उठ रहे हैं.
24 घंटे बाद पुलिस को मिली सुराग
जानकारी मिलने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई. शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मौके पर कई सीनियर अधिकारी भी पहुंचे. हालांकि ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली जिससे सुसाइड के कारण का पता चल सके.
घटना के 24 घंटे बाद पुलिस को पता चला कि एसीपी मुकेश प्रताप सिंह और उनकी पत्नी ने बीच अक्सर विवाद होता था, वो अपनी पत्नी को पागल कहते थे. ऐसा विवाद, उन दोनों के बीच कई बार हुआ था…लेकिन इस बार शायद एएसपी की पत्नी को ये बात घर कर कई, जिससे उन्होंने आत्मघाती कदम उठा लिया और अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.
मायके वालों ने लगाए गंभीर आरोप
वहीं इसे कई लोग महिला सम्मान से जोड़कर देख रहे हैं. पति-पत्नी के बीच आए दिन विवाद होता था. जानकारी के मुताबिक, पति की प्रताड़ना से तंग आकर ही मृतक महिला नितेश सात महीने तक अपने मायके में रही. वहीं नितेश के मायके वालों ने साजिश के तहत आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है. नितेश के भाई ने कहा कि बहन अपने पति की हरकतों की वजह से अक्सर तनाव में रहती थी. उन्होंने कहा कि मुकेश अक्सर नितेश से कहता था कि तू पागल है और तेरा बेटा भी पागल है. जिस दिन नितेश ने सुसाइड किया उस दिन भी मुकेश ने यही बात कही थी. इसी बात से आहत होकर नितेश ने सुसाइड कर लिया.