केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने रविवार को कहा कि मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र हटाने के बजाय संभाजीनगर में छत्रपति संभाजी महाराज का स्मारक बनाया जाना चाहिए. राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा के लिए देहरादून आए रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के नेता ने संवाददाताओं से कहा कि औरंगजेब की कब्र हटाने से कोई समाधान नहीं होगा.
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने मुसलमानों से भी आग्रह किया कि वे स्वयं को औरंगजेब से न जोड़ें. उन्होंने कहा, ‘मुस्लिम समुदाय से मेरा अनुरोध है कि आप खुद को औरंगजेब से न जोड़ें. यहां के मुसलमान हिंदू थे. यहां के मुसलमान औरंगजेब की संतान नहीं हैं. उनका उससे कोई संबंध नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘औरंगजेब की कब्र न हटाएं. लेकिन संभाजीनगर में छत्रपति संभाजी राजे का एक बड़ा स्मारक होना चाहिए.’ उनकी टिप्पणी महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर कुछ हिंदू संगठनों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में आई है. संगठनों का आरोप है कि 17वीं सदी के मुगल शासक ने हिंदुओं पर अत्याचार किए थे.
अठावले ने यह भी कहा कि औरंगजेब का मकबरा आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) द्वारा संरक्षित है. उन्होंने कहा, ‘हमें संभाजी महाराज की विचारधारा के साथ आगे बढ़ना है लेकिन देश में शांति होनी चाहिए.’ केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले से जब प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के 3 साल के कार्यकाल को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य में बेहतर काम कर रहे हैं. इसीलिए उन्होंने अपने बेहतर कार्यों के साथ इन तीन सालों को पूरा किया.
तुकबंदी करते हुए केंद्रीय मंत्री बोले, ‘पुष्कर सिंह धामी की सीधी है चाल, इसीलिए उन्होंने पूरे किए 3 साल’. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पुष्कर धामी उनके मित्र भी हैं. अठावले ने कहा कि जब भी मैं उत्तराखंड आता हूं तो मुख्यमंत्री धामी से मिलता हूं और कई बार वह भी जब दिल्ली आते हैं तो मुझसे मुलाकात करते हैं.