मध्य प्रदेश में मूल निवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आनलाइन या आफलाइन आवेदन किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन के लिए मध्य प्रदेश ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर जाना होगा और आवश्यक जानकारी भरकर और दस्तावेज अपलोड करके आवेदन करना होगा।
ऑफलाइन आवेदन के लिए किसी भी निकटतम लोक सेवा केंद्र, कॉमन सर्विस सेंटर या एमपी ऑनलाइन कियोस्क पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। निवासी प्रमाण पत्र, तहसीलदार या कलेक्टर द्वारा प्राधिकृत अधिकारी जारी करते हैं।
आवेदन के बाद एक दिन में मूल निवासी प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। यह प्रमाण पत्र आवेदक के आधार से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक दिन में पहुंचता है और आवेदक इसको डाउनलोड कर उपयोग कर सकता है।
इन कार्यों में होता है मूल निवासी प्रमाण पत्र का उपयोग
मूल निवासी प्रमाण पत्र एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो यह प्रमाणित करता है कि व्यक्ति किसी विशेष राज्य या स्थान का स्थायी निवासी है। मप्र में निवास प्रमाण पत्र का उपयोग कई सरकारी योजनाओं, शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश, सरकारी नौकरियों में आवेदन और अन्य कानूनी कार्यों में किया जाता है।
सरकारी सुविधाओं और योजनाओं के लाभ के लिए भी मूल निवासी प्रमाण पत्र अनिवार्य है। निवासी प्रमाण पत्र बनाने के लिए स्वयं का घोषणा पत्र लगता है और जिसके नाम से आवेदन किया जा रहा है उसके दस्तावेज देने होते हैं।
दस्तावेज में मार्कशीट, आधार कार्ड, समग्र आईडी, एक फोटो और पते का प्रमाण देना होता है। मूल निवासी प्रमाण पत्र के लिए कम से कम दस साल तक स्थानीय पते पर रहने की घोषणा पत्र में जानकारी देना होती है।
बालिग होने पर बनता प्रमाण पत्र
मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 18 साल की उम्र पूरी करना आवश्यक है। नाबालिक होने पर पिता के प्रमाण पत्र में बच्चे का उल्लेख होता है। पत्नी के नाम का उल्लेख भी पति के प्रमाण पत्र में होता है। यदि पत्नी को भी स्वयं का मूल निवासी बनवाना है, तो इसके लिए घोषणा पत्र के साथ सभी जरूरी दस्तावेज जैसे आधार, समग्र, मार्कशीट, फोटो, पते का प्रमाण देना होता है।