रायपुर: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राजधानी रायपुर में भी लोगों को मकान उपलब्ध कराया जा रहे हैं. यदि आप किसी स्लम एरिया में रह रहे हैं और शिफ्ट होना चाहते हैं तो आपको मात्र 75000 में मकान मिल सकता है. यदि आप किराए के मकान में हैं तो आप 3 लाख 45 हजार रुपए खर्च कर मकान मालिक बन सकते हैं.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान की सुविधा: खास बात यह भी है कि यदि आपके पास जमीन है और आप मकान बनाना चाहते हैं तो उसके लिए भी सरकार राशि देने तैयार है. इन सुविधाओं का लाभ लेने के लिए आपको कुछ नियम और शर्तों का पालन करना होगा. आप इन मापदंडों का पालन करते हैं तो आप भी पीएम आवास योजना के तहत आसानी से मकान पा सकते हैं.
पीएम आवास योजना का लाभ लेने के लिए प्रक्रिया: रायपुर नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने बताया कि ”प्रधानमंत्री आवास के लिए लोगों को पहले आवेदन देना पड़ता है. इसके लिए 100 रुपए की फीस लगती है. कुछ क्राइटेरिया भी हैं. आपका निवास प्रमाण पत्र और किरायानामा देखा जाता है. किरायनामा साल 2015 के पहले का होना चाहिए. राशन कार्ड होना चाहिए. आपकी वार्षिक आय 3 लाख से कम होना चाहिए. रायपुर नगर निगम 2 तरीके से लोगों को मकान आवंटित कर रहा है, जिसे एएचपी और बीएलसी बोला जाता है.”
एएचपी क्या है: जो लोग बाहर से माइग्रेट होकर शहर में आए हैं, इस स्टेट के हैं और उनके पास रहने को घर नहीं है, उन्हें एएचपी के तहत मकान आवंटित किया जाता है. यदि कोई स्लम बस्ती को शिफ्ट किया जाता है तो उसे भी एएचपी के तहत मकान दिया जाता है.
बीएलसी क्या है: यदि आपके पास खुद की जमीन है और आप उस पर मकान बनाना चाहते हैं तो बीएलसी के तहत आपको राशि उपलब्ध कराई जाती है. आपको चार किस्तों में इस राशि का भुगतान किया जाता है.
”एएचपी के तहत दिए जाने वाले मकान बने होते हैं. यदि कोई स्लम बस्ती से शिफ्ट करता है तो उसे कम पैसे देने पड़ते हैं. उसे मात्र 75 हजार रुपए की राशि देनी होती है. यदि कोई किरायेदार है, वह घर लेना चाहता है तो उसे यह मकान 3 लाख 75 हजार रुपए में दिया जाता है.”-अबिनाश मिश्रा, आयुक्त, रायपुर नगर निगम
मकान आवंटन की प्रक्रिया: अबिनाश मिश्रा के मुताबिक ”इसकी एक पूरी प्रक्रिया होती है. डॉक्यूमेंट जमा किए जाते हैं, उसकी जांच पड़ताल होती है. इसके बाद इसकी ऑफलाइन लॉटरी निकाली जाती है और पारदर्शी तरीके से यह मकान आवंटित किए जाते हैं.”
मकान की डिमांड ज्यादा: अबिनाश मिश्रा ने बताया कि ”वर्तमान में मकान की मांग बहुत ज्यादा है. जो घर बने हैं, उसकी संख्या कम है इसलिए हम लॉटरी के माध्यम से यह मकान आवंटित कर रहे हैं. इसके लिए पात्रता परीक्षण किया जाता है. उसके बाद उन्हें मकान आवंटित कर दिया जाता है.”
मकानों के लिए लगातार मिल रहे आवेदन: अबिनाश मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में लगभग 8 हजार 900 मकान आवंटित किए जा चुके हैं. अभी नया प्रपोजल भारत सरकार को भेजा जाएगा. लगभग 11000 और मकान बनने की संभावना है. इन मकानों के लिए लगातार आवेदन आने की प्रक्रिया जारी है.
सरकारी मकान के मेंटेनेंस ना होने के सवाल पर अविनाश मिश्रा ने कहा कि ”बीएसयूपी की तरह जो बहुत पहले साल 2009-2011 में मकान बनाए गए हैं, उसके संधारण कार्य (मेंटनेंस) के लिए हम लोग प्रस्ताव भेजते हैं और राज्य सरकार से उसके लिए पैसा भी आता है और हम मेंटनेंस कराते हैं.”