आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं. रविवार को उन्होंने ना सिर्फ रिश्तों में तनातनी, पारिवारिक दूरी पर चुप्पी तोड़ी, बल्कि ‘कृष्ण-अर्जुन’ वाली भूमिका से जुड़ा भावनात्मक पोस्ट भी किया. तेज प्रताप ने तेजस्वी को अर्जुन बताया और छोटे भाई कहकर आशीर्वाद भी दिया. इससे पहले सुबह उन्होंने माता-पिता यानी लालू यादव और राबड़ी देवी को अपनी जिंदगी में भगवान से बढ़कर बताया था.
तेज प्रताप ने एक्स पर महाभारत के कृष्ण-अर्जुन संग्राम की एक फोटो शेयर करते हुए लिखा, मेरे अर्जुन से मुझे अलग करने का सपना देखने वालो… तुम कभी सफल नहीं हो सकोगे. कृष्ण की सेना तो ले सकते हो, लेकिन खुद कृष्ण को नहीं. हर साजिश को जल्द बेनकाब करूंगा. बस, मेरे भाई भरोसा रखना. मैं हर परिस्थिति में तुम्हारे साथ हूं. फिलहाल दूर हूं, लेकिन मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ था और रहेगा. मेरे भाई, मम्मी-पापा का ख्याल रखना… जयचंद हर जगह हैं. अंदर भी और बाहर भी.
मेरे अर्जुन से मुझे अलग करने का सपना देखने वालों ,तुम कभी अपनी साजिशों में सफल नही हो सकोगे,कृष्ण की सेना तो तुम ले सकते हो लेकिन खुद कृष्ण को नही।हर साजिश को जल्द बेनकाब करूंगा।बस मेरे भाई भरोषा रखना मैं हर परिस्थिति में तुम्हारे साथ हूँ,फिलहाल दूर हूँ लेकिन मेरा आशीर्वाद हमेशा… pic.twitter.com/Ysf2wq1rVB
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) June 1, 2025
‘आप हैं तो सबकुछ है…’, मम्मी-पापा के लिए भावुक संदेश
इससे पहले तेज प्रताप ने रविवार सुबह माता-पिता लालू यादव और राबड़ी देवी के लिए एक इमोशनल पोस्ट किया था. इसमें लिखा था, मेरे प्यारे मम्मी-पापा… मेरी सारी दुनिया आप दोनों में ही समाई है. भगवान से बढ़कर हैं आप और आपका दिया कोई भी आदेश. आप हैं तो सबकुछ है मेरे पास. मुझे सिर्फ आपका विश्वास और प्यार चाहिए. ना कि कुछ और. पापा, आप नहीं होते तो ना ये पार्टी होती और ना मेरे साथ राजनीति करने वाले जयचंद जैसे लालची लोग. बस, मम्मी-पापा आप दोनों स्वस्थ और खुश रहें हमेशा.
‘कृष्ण-अर्जुन’ की जोड़ी और अंदरूनी कलह की पुरानी कहानी
तेज प्रताप खुद को कई बार कृष्ण और छोटे भाई तेजस्वी यादव को अर्जुन कह चुके हैं. चार साल पहले 2021 में जब दोनों भाइयों के बीच मतभेद की खबरें आई थीं, तब भी तेज प्रताप ने तेजस्वी को मुकुट पहनाते हुए एक तस्वीर पोस्ट की थी और लिखा था, चाहे जितना षड्यंत्र रचो, कृष्ण-अर्जुन की जोड़ी को तोड़ नहीं पाओगे.
मेरे प्यारे मम्मी पापा….
मेरी सारी दुनिया बस आपदोनों में ही समाई है।भगवान से बढ़कर है आप और आपका दिया कोई भी आदेश।आप है तो सबकुछ है मेरे पास।मुझे सिर्फ आपका विश्वास और प्यार चाहिए ना कि कुछ और।पापा आप नही होते तो ना ये पार्टी होती और ना मेरे साथ राजनीति करने वाले कुछ जयचंद जैसे…— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) May 31, 2025
उस समय भी तेज प्रताप, तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और रणनीतिकार संजय यादव से नाराज चल रहे थे. तेज प्रताप ने पोस्ट में लिखा था, जो प्रवासी सलाहकार पार्टी चला रहा है, वो अपने गांव में भी किसी को सरपंच नहीं बनवा सकता. वो मेरे अर्जुन को क्या मुख्यमंत्री बनाएगा. वो प्रवासी सलाहकार सिर्फ लालू परिवार और राजद में मतभेद पैदा कर सकता है. तेज प्रताप ने आरोप लगाया था कि संजय यादव के कारण हम दोनों भाई मिल नहीं पा रहे हैं.
चाहे जितना षड्यंत्र रचो
कृष्ण – अर्जुन की ये जोड़ी को तोड़ नहीं पाओगे! pic.twitter.com/5Hgk28uDxo— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) August 20, 2021
तेज प्रताप की ‘लव स्टोरी’ और लालू परिवार में सन्नाटा
पिछले हफ्ते तेज प्रताप यादव ने फेसबुक पर एक लड़की के साथ फोटो शेयर कर खुद को 12 साल से रिलेशन में बताया था. लड़की का नाम अनुष्का यादव बताया था. लेकिन बाद में पोस्ट डिलीट कर दी थी. फिर वही तस्वीर दोबारा शेयर की थी. आखिरी में दावा किया कि उनका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो गया था. तेज प्रताप ने AI जनरेटेड फोटो से बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया था. इस विवाद के बाद लालू फैमिली में सन्नाटा छा गया. लालू ने तेज प्रताप को परिवार से निकालने का ऐलान किया और पार्टी से भी 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था.
लालू ने एक्स पर लिखा था, निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है. ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है. ऐसी परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं. अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी. उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है.
अपने निजी जीवन का भला -बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है. उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे, वो स्वविवेक से निर्णय लें. लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूं. परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सावर्जनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है.