मध्य प्रदेश के खंडवा से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा कर दी है. सोमवार (3 फरवरी, 2025) को खंडवा से निर्दलीय प्रत्याशी रहे मनोज कुमार अग्रवाल की याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा, ‘विजयी उम्मीदवार को 8 लाख वोट मिले थे और आपको 4 हजार. अगले चुनाव की तैयारी कीजिए.’ कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी का जिक्र करते हुए याचिकाकर्ता से कहा कि वह सांसद बनकर भी वकालत कर सकते हैं.
इससे पहले 18 अक्टूबर को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मनोज कुमार अग्रवाल की याचिका को सुनवाई योग्य न मानते हुए खारिज की थी. याचिकाकर्ता का कहना था कि ज्ञानेश्वर पाटिल पर मध्य प्रदेश पावरलूम बुनकर सहकारी संघ, बुरहानपुर का अध्यक्ष रहते भ्रष्टाचार एवं अनियमितता का आरोप लगा था. उन्होंने अपने नामांकन में इसके बारे में सही जानकारी नहीं दी. मनोज कुमार अग्रवाल ने चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार नरेंद्र पटेल को विजयी घोषित करने की भी मांग की थी.
हाई कोर्ट ने इस याचिका को सुनवाई के अयोग्य करार देते हुए अस्वीकार कर दिया था. हाई कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता यह साफ नहीं कर पाया है कि पावरलूम बुनकर सहकारी संघ राज्य सरकार के तहत आता है या नहीं. न ही याचिका से यह साफ हो पा रहा है कि 2020 में जब ज्ञानेश्वर पाटिल अध्यक्ष पद से हटे, तब इसका कारण भ्रष्टाचार या कोई और गड़बड़ी थी.
हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मनोज कुमार अग्रवाल की अपील भी आज निरस्त हो गई. जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता को अगले चुनाव की तैयारी करनी चाहिए. जस्टिस सूर्य कांत ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘वकीलों को यह सुविधा हासिल है कि वह सांसद बन कर भी वकालत करते रह सकते हैं. आप कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी को देख लीजिए. अगले चुनाव के लिए हमारी दुआएं आप के साथ हैं.’