जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले की घटना सामने आई है. चश्मदीदों के मुताबिक हथियारों से लैस आतंकियों ने लोगों से नाम पूछा, कलमा पढ़ने को कहा और फिर उन पर फायरिंग कर दी. इस दुर्दांत घटना में 26 लोगों की मौत की बात कही जा रही है तो वहीं 20 से अधिक घायल हुए हैं. सामने आया है कि आतंकियों ने पर्यटकों से कहा कि ‘तुम लोगों ने मोदी को सिर चढ़ा रखा है.’
महाराष्ट्र डिप्टी सीएम शिंदे ने दिए सहायता के निर्देश
महाराष्ट्र की पुणे निवासी पर्यटक जो कि हमले की चश्मदीद भी हैं, उन्होंने आजतक से मौका-ए-वारदात का खौफनाक सच शेयर किया है. उधर, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के पर्यटकों की सुरक्षा और उनकी हर संभव सहायता करने के निर्देश दिए हैं.
पहलगाम के आतंकी हमले के प्रत्यक्षदर्शियों ने जो बताया है वो बेहद परेशान करने वाला और डराने वाला है. महाराष्ट्र के पुणे से पहलगाम घूमने आईं आसावरी ने आजतक से कहा कि, ‘आतंकी लोकल पुलिस की वर्दी में थे और मास्क भी पहने हुए थे. उन्होंने बताया, ‘हमलावरों ने सिर्फ पुरुषों को निशाना बनाया और खास तौर पर हिंदुओं से जबरन कलमा पढ़वाने की कोशिश की. जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी गई.
पीड़िता ने बताया खौफनाक सच
पीड़िता आसावरी के मुताबिक, ‘मेरे सामने मेरे पापा को तीन गोलियां मारी गईं. मेरे चाचा को भी गोली मारी गई. हम टेंट के पीछे छिपे हुए थे. जो लोग लोकल थे उन्होंने उन्हें डराया, उनको देखकर हम डर गए और हमने भी कलमा पढ़ा और हम वहां से भागकर दूर पहुंचे और घोड़ों से भागकर अपनी जान बचाई.’ आतंकियों ने बिल्कुल मुंबई के 26/11 वाले अंदाज में हमला किया था.
आतंकियों ने पीएम मोदी के नाम पर धमकाया
पीड़ित ने आगे बताया, “आतंकियों ने हमें ‘मोदी जी के नाम पर धमकाया और कहा कि ‘तुम लोगों ने मोदी को सिर पर चढ़ा रखा है, उसकी वजह से हमारा मजहब खतरे में है. घटनास्थल पर 50 से अधिक लोग मौजूद थे. घटना के बाद सेना ने लोगों को रेस्क्यू किया और अस्पताल पहुंचाया. कुछ स्थानीय लोगों ने भी मदद की, जिसके कारण हम लोग सुरक्षित नीचे आ सके. हालांकि, उनके पिता और चाचा की स्थिति के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है. एक सूत्र के मुताबिक उनका इलाज किया जा रहा है.
घटना के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य की मुख्य सचिव सुजाता सैनिक को निर्देश दिए हैं कि घायल और मृतकों के परिजनों को तत्काल हरसंभव मदद उपलब्ध कराई जाए, साथ ही, उन्होंने एक वरिष्ठ नोडल अधिकारी को समन्वयक नियुक्त करने का आदेश भी दिया है, ताकि पीड़ितों को राज्य सरकार की ओर से त्वरित सहायता मिल सके. फिलहाल स्थानीय प्रशासन और सुरक्षाबल पूरे मामले की जांच में जुटे हैं.