आजकल के बिजी लाइफस्टाइल में लोगों को एक्सरसाइज करने का समय बहुत की कम मिल पाता है. इसके अलावा बाहर का खाना ज्यादा खाने और खराब जीवनशैली के कारण पेट में गैस, एसिडिटी या फिर कब्ज की समस्या बहुत लोगों को रहती है. ऐसे में इससे छुटकारा पाने के लिए लोग दवाइयों का सेवन और कई तरह के देसी नुस्खे अपनाते हैं. ले
किन इसके बाद भी ज्यादा असर दिखाई नहीं देता है.
अगर आप भी पेट से जुड़ी इन समस्याओं से परेशान है, तो आप नियमित रूप से योगासन का अभ्यास कर सकते हैं. कुछ आसन ऐसे होते हैं, जिनका अभ्यास करने से गैस, एसिडिटी और कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है. आइए जानते हैं इसके बारे में योगा एक्सपर्ट से
योगा एक्सपर्ट डॉक्टर संपूर्णा ने बताया कि वज्रासन,नौकासन, अर्ध मत्स्येंद्रासन, पवनमुक्तासन और भुजंगासन पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे की गैस, एसिडिटी और कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं. आपको रोजाना सुबह खाली पेट इन योगासन का अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए. कपालभाति और भ्रस्तिका जैसे प्राणायाम भी काफी प्रभावी होते है.
नौकासन
नौकासन करने के लिए सबसे पहले तो योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और हाथ को जांघ के पास जमीन पर रखें. शरीर को सीधा रखें और ढीला छोड़ें. इसके बाद सांस लेते हुए अपने सिर, पैर और पूरे शरीर को ऊपर की 30 से 45 डिग्री तक उठाएं. शरीर को नाव की मुद्रा में लाने की कोशिश करें. पैरों के टखनों को आंखों के सिधाई में लेकर जाएं. इस वी शेप की आकार में लगभग 20 से 30 मिट रहें. धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपने नॉर्मल पोजीशन में वापस आएं.
अर्ध मत्स्येंद्रासन
अर्ध मत्स्येन्द्रासन करने के लिए सबसे पहले तो योगा मैट पर बैठ जाएं. इसके बाद राइट पैर मोड़ें और लेफ्ट पैर के नीचे रखें. इसके बाद लेफ्ट पैर को मोड़कर राइट पैर की ओर रखें. राइट हैंड से लेफ्ट पैर के घुटने को पकड़ें और लेफ्ट हैंड को पीछे की ओर रखें. गर्दन को लेफ्ट शोल्डर की तरफ झुकाएं. कुछ सेकंड इस स्थिति में रहें और फिर दूसरे तरफ दोहराएं.
वज्रासन
वज्रासन से पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद मिलती है. इसे करने के लिए योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं. इसके बाद दोनों पैर की बड़ी उंगलियों को एक साथ मिलाएं और ध्यान रखें कि एड़ियां बटक्स के बाहरी हिस्से को छू रही हों. गर्दन, पीठ और सिर को सीधा रखें. अब अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें. आरामदायक पॉश्चर में बैठें. इसके बाद धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें. शुरुआत में 15 से 20 मिनट इस पॉश्चर में बैठे और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं.
पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन भी पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है. गैस की समस्या से राहत दिलाता है. इस योगासन को करने के लिए योगा मैट पर सीधा लेट जाएं. इसके बाद सांस लेते हुए अपने पैरों को 90 डिग्री तक उठाएं. अब सांस को छोड़ते हुए पैरों को मोड़ें. घुटनों को छाती तक लगाने का प्रयास करें. इसके बाद हथेली से घुटनों को पकड़े. इसके बाद अपना सिर उठाएं और माथे को घुटनों से टच करें. अब सामान्य सांस लें. कुछ सेकेंड इस पॉश्चर में रहने के बाद पहले सिर और उसके बाद पैरों को जमीन पर रखें और पहली वाली पोजीशन में पॉश्चर आएं.
भुजंगासन
भुजंगासन पाचन के लिए फायदेमंद होने के साथ ही, पेट पर जमी चर्बी को कम करने में भी मदद करता है. इस आसन को करने के लिए योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं और हाथों को जमीन पर मजबूती से रखें. इसके बाद धीरे-धीरे अपने उंगलियों और हाथों से जमीर पर दबाव डालते हुए अपनी छाती, कमर और पेट को ऊपर की तरफ उठाएं. अपनी गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं जैसे की आप आसमान को देख रहे हों. कुछ सेकेंड इस पॉश्चर में रहें और फिर धीरे-धीरे वापस पहले वाली पॉश्चर में आएं.