उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी “मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना” (MYUVA) का उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है लेकिन अलीगढ़ जिले से आई रिपोर्ट्स ने योजना की जमीनी हकीकत पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यहां कई बैंकों ने अजीबो-गरीब तर्क देकर आवेदकों के लोन की अर्जी को कैंसल कर दिया है. कुछ युवतियों के लोन के आवेदन सिर्फ इसलिए खारिज किए गए क्योंकि वे अविवाहित हैं.
यूपी सरकार की इस योजना में स्पष्ट है कि 21 से 40 साल के युवाओं को, जो कम से कम 8वीं पास हैं और किसी मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्था से डिप्लोमा या प्रमाणपत्र रखते हैं उन्हें 5 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त और बिना गारंटी का लोन दिया जा सकता है.
अलीगढ़ में बैंकों की मनमानी ने इस योजना को मजाक बना दिया है. नौरंगाबाद की गीता कुमारी, आगरा रोड की अदिति वर्मा और ब्रहमपुरी की सौम्या गुप्ता जैसी युवतियों के आवेदन सिर्फ अविवाहित होने की वजह से खारिज किए गए हैं. बैंकों का तर्क था कि शादी के बाद वे स्थान बदल लेंगी और लोन की वसूली मुश्किल हो जाएगी. जबकि योजना की गाइडलाइन में वैवाहिक स्थिति का कोई जिक्र नहीं है.
70% आवेदन गलत कारणों से खारिज
संयुक्त आयुक्त उद्योग वीरेंद्र कुमार ने बताया कि अलीगढ़ जिले से कुल 3297 आवेदन बैंकों में भेजे गए थे. इनमें से 1510 आवेदन निरस्त कर दिए गए. वहीं सिर्फ 938 को ही बैंक ने अप्रूव किया है और सिर्फ 830 पर ही लोन दिया गया है. हाल ही में की गई ऑडिट में इस बात का खुलासा हुआ है कि बैंकों ने करीब 70% आवेदन गलत कारणों से खारिज किए हैं. कई मामलों में तो बिना किसी सर्वे या उचित जांच के ही आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया.
बैंकों के रवैये की करेंगे शिकायत
RBI समेत अन्य उच्च अधिकारियों को शिकायत भेजी जा रही है. ज़िलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक कर यह निर्णय लिया गया है कि जिन आवेदनों को गलत कारणों से खारिज किया गया, उन्हें फिर से चेक कर वापस बैंकों के पास भेजा जाएगा. इससे जो वास्तविक आवेदक हैं उन्हें इस सुविधा का लाभ मिल सके. अलीगढ़ जिले में पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक का प्रदर्शन सबसे खराब पाया गया है. इन बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश भी की गई है.
इस योजना के तहत योग्य आवेदक msme.up.gov.in या cmyuva.iid.org.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. दस्तावेजों में आधार कार्ड, निवास प्रमाणपत्र, शैक्षणिक योग्यता और प्रोजेक्ट रिपोर्ट जरूरी हैं. सरकार अब इस योजना को पारदर्शी और सुलभ बनाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को और सख्त व स्पष्ट करने की दिशा में कदम उठा रही है.