भोपाल : विद्यतु नियामक आयोग ने सोलर बिजली के लिए फिक्स चार्ज लागू कर दिए हैं. सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली के लिए यह फिक्स चार्ज तब देना होगा, जब आप बिजली कंपनियों से सोलर पावर से पैदा होने वाली बिजली वापस लेते हैं. इसके लिए उपभोक्ताओं को 700 रुपए तक बिजली बिल देना होगा.
फ्री नहीं रहेगी सोलर ऊर्जा
सोलर ऊर्जा से सस्ते में बिजली के लिए लोगों में सोलर पैनल का रुझान तेजी से बढ़ा है. मध्यप्रदेश में 11 हजार से ज्यादा घरों में सोलर पैनल लग चुके हैं. राजधानी भोपाल में ही ढाई हजार घरों पर सोलर पैनल लग चुके हैं. केन्द्र सरकार भी सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए पीएम सूर्य घर योजना चला रही है, जिसमें 3 किलो वॉट तक का सोलर पैनल लगाने पर उपभोक्ताओं को सब्सिडी भी दी जा रही है. हालांकि, मध्यप्रदेश में विद्युत नियामक आयोग ने सोलर ऊर्जा के उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज लगाकर झटका दे दिया है.
सोलर पैनल पर कितना फिक्स चार्ज?
विद्युत नियामक आयोग ने जो फिक्स चार्ज निर्धारित किया है, वह भी चौंकाने वाला है. दरअसल, सोलर ऊर्जा से पैदा होने वाली बिजली के अतिरिक्त बिजली कंपनी से 3 किलोवॉट से ज्यादा बिजली जलाने पर 729 रुपए देने होंगे. यही नहीं खपत से ज्यादा बिजली उत्पादन करने पर भी 540 रुपए बिजली कंपनी को चुकाने होंगे. इस नियम से सोलर उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ सकती है.
इस तरह महंगी पड़ रही बिजली
अगर आपके घर पर 3 किलोवॉट का सोलर पैनल लगा है और इससे एक माह में 450 यूनिट बिजली पैदा हो रही है लेकिन इसमें से आप 300 यूनिट बिजली की ही खपत करते हैं तो ज्यादा बिजली उत्पादन पर इसे बिजली कंपनी को देंगे तो कम से कम 540 रुपए बिजली कंपनी को देना होगा. इसी तरह यदि 3 किलोवॉट सोलर पैनल से यदि एक माह में 375 यूनिट बिजली पैदा हुई और उपभोक्ता 380 यूनिट बिजली की खपत करता है और बाकी 5 यूनिट बिजली को बिजली कंपनी से खरीदता है तब भी उपभोक्ता में फिक्स चार्ज के रूप में 729 यूनिट बिजली बिल देना होगा. उधर प्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने इसपर कहा, ” प्रदेश में सोलर ऊर्जा को बढ़ावा सरकार की प्राथमिकता में है. इस दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। सोलर पैनल को लेकर लोग आगे आएं इस दिशा में जो भी सुधार के कदम हैं, वह उठाए जाएंगे.”