युवा शिल्पकार ने अनाज के दानों से बनाई प्रभु श्री राम की प्रतिमा, 560 किलो चावल का किया इस्तेमाल

फतेहपुर : उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद के विकासखंड अमौली क्षेत्र के किसान के बेटे ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की भव्य प्रतिमा 560 किलो चावल के दानों से निर्मित कर मिशाल कायम किया. जहानाबाद कस्बे से लगभग तीन किमी दूर गांव सरायं धरमपुर में निवासी  शैलेन्द्र उत्तम ने प्राथमिक शिक्षा गांव से इंटर जहानाबाद से करने के बाद लखनऊ से कम्प्यूटर डिजाइनर की स्नातक शिक्षा और आई जी डी बाम्बे करने के साथ शैलेन्द्र उत्तम ने किसान उपज को ही प्राथमिकता देते हुए कला के क्षेत्र उपयोग किया.

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उन्होंने 560किलो चावल का उपयोग करते हुए भगवान श्री राम की भव्य प्रतिमा बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि मैं अयोध्या में भगवान श्री राम की प्रतिमा देखी और मन में आध्यात्मिक विचार आया और मूर्ति निर्माण का संकल्प लिया मूर्ति निर्माण कार्य में सीमेंट के साथ केमिकल का प्रयोग किया जिसमें तीन माह का समय लगा तथा दो लाख रुपए खर्च किए गये. मूर्ति निर्माण में तीन इंच चावल की मोटी लेयर बनाईं गई इस कार्य में शिवशंकर,और आशू उत्तम ने सहयोग दिया शैलेन्द्र ने बताया कि उनकी हार्दिक इच्छा है कि अगर शासन प्रशासन अनुमति दे तो मूर्ति का महा कुम्भ मेला मेला में गंगा जल से अभिषेक करा सकें.

उन्होंने कहा कि इसके पूर्व भी 2017 में उन्होंने 211 किग्रा गेहूं के दानों से भारतीय मुद्रा एक रुपये का 5 फुट व्यास का सिक्का बनाया. जिसमें गेहूं की बालियों उकेर कर भारत को कृषि प्रधान देश होने को दर्शाती है. 2019 में अलसी और पीली सरसों के दाने से बुन्देलखण्ड के सन्त महान स्वतंत्रता सेनानी स्वामी बृह्मानंद की 11 फुट ऊंची प्रतिमा बनाई. इसी वर्ष उत्तर प्रदेश दर्पण का भित्त चित्र बनाया जहां प्रदेश के महत्वपूर्ण पहलुओं पर फोकस किया. जिसमें धार्मिक परिवेश, राजनीतिक परिवेश के साथ साथ ग्रामीण परिवेश को 99188 छोटे छोटे पत्थरों का प्रयोग किया है. इन्हें वर्ष 2017 में इण्डिया बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड 2018 में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड तथा वर्ष 2019 में गिनीज आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम शामिल हुआ था.

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