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‘FIR नहीं लिख रही आपकी पुलिस’, CM मोहन यादव के पास पहुंची गधों की शिकायत

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के बहुचर्चित गधों के गायब होने का मामला अब दो थानों के सीमा क्षेत्र में उलझ कर रह गया है. पुलिस दूसरे थाना क्षेत्र का मामला बताकर FIR नहीं लिख रही है, जिसके चलते मंगलवार को पीड़ित CM हेल्पलाइन और कलेक्टर के जनसुनवाई में 25 गधों के चोरी होने का आवेदन लेकर पहुंचे. उन्होंने कलेक्टर से गुहार लगाई कि जल्द से जल्द उनके गधों को ढूंढ जाया. थाने में पुलिस उनकी सुनवाई नहीं कर रही है.

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बुरहानपुर में 25 जुलाई की रात को अगल-अलग घरों से 25 गधे छूटकर कहीं चले गए थे. उस दिन बारिश भी काफी तेज हो रही थी. इस वजह से गधा मालिकों ने ढूंढा नहीं. दूसरे दिन जब मालिकों ने इनकी खोजबीन शुरू की तो कहीं कुछ पता नहीं चल पाया. इसके बाद सभी सिटी कोतवाली थाने पहुंचे और गधों के गुम होने का आवेदन दिया. सिटी कोतवाली थाना प्रभारी में आवदेन लेकर जल्द से जल्द गधों को ढूंढने का आश्वसान दिया.

दूसरे थाना क्षेत्र का मामला बता पल्ला झाड़ रही पुलिस
हालांकि तीन-चार दिन बीत जाने के बाद जब गधों का कोई सुराग नहीं लगा तो गधा मालिक वापस से सिटी कोतवाली पहुंचे और इस संबंध में जानकारी लेनी चाही. यहां उन्हें सिटी कोतवाली पुलिस ने बताया कि मामला उनके थाना क्षेत्र का नहीं है. वह इसकी शिकायत शिकारपुरा कोतवाली में जाकर करें. जब गधा मालिक शिकारपुरा कोतवाली पहुंचे तो वहां भी यही कर दिया गया कि ये मामला सिटी कोतवाली का है. इसलिए वह शिकायती पत्र नहीं ले सकते हैं.गांव से 25 गधे हुए गायब
गधा मालिक मदन प्रजापति ने बताया कि गांव के छह लोगों के 25 गधे गायब हैं, जिसकी शिकायत हमने थाने में करनी चाही, लेकिन पुलिस हमें दूसरे थाना क्षेत्र का मामला बताकर परेशान कर रही है. सिटी कोतवाली पुलिस कहती हैं कि यह मामला शिकारपुर थाना क्षेत्र का है और शिकारपुर पुलिस कहती है कि यह मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है, जिसके चलते हमको काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

CCTV फुटेज में दिखा गधा चोर
मदन प्रजापति ने बताया कि हमारे सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है, जिसके चलते हमने इसकी शिकायत CM हेल्पलाइन और कलेक्टर की जनसुनवाई में भी की है, ताकि हमें न्याय मिल सके. CCTV फुटेज में गधों को कोई ले जाते हुए दिखाई दे रहा है, लेकिन पुलिस मामले की FIR तक नहीं दर्ज कर रही है.

एक गधे की कीमत 25 से 30 हजार रुपए
वहीं अनिल प्रजापति ने बताया कि पुलिस गधों के गायब होने की FIR दर्ज नहीं कर रही है, जिसके चलते हम यहां पहुंचे थे. हमारे एक गधे की कीमत 25 से 30 हजार रुपए तक है. पुलिस FIR दर्ज कर गधा चोरों को पकड़े और हमें हमारे गधे वापस दिलवा, ताकि हम फिर से अपनी रोजी-रोटी कमा सकें. अगर गधे वापस नहीं मिलते हैं तो हमारे सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा.

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