आज के दौर में करियर की दिशा बदल रही है। जहां पहले ज्यादातर छात्र डॉक्टर या इंजीनियर बनने को ही सफलता की राह मानते थे, वहीं अब युवा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर लॉ और डेटा साइंस जैसे नए क्षेत्रों की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। बदलते समय और तकनीक ने छात्रों की सोच में बड़ा बदलाव ला दिया है।
हालिया शिक्षा सर्वे और करियर डेटा के मुताबिक, 12वीं या ग्रेजुएशन स्तर पर पढ़ रहे विद्यार्थी अब पारंपरिक पेशों से आगे बढ़कर डिजिटल भविष्य को साधने वाले विषयों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस और साइबर सिक्योरिटी जैसे कोर्स की मांग लगातार बढ़ रही है। इन क्षेत्रों को भविष्य का करियर विकल्प माना जा रहा है, क्योंकि यहां रोजगार के नए अवसर तेज़ी से बन रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल इंडिया और टेक्नोलॉजी आधारित अर्थव्यवस्था के दौर में इन विषयों की अहमियत और बढ़ गई है। उदाहरण के लिए, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज हेल्थ सेक्टर से लेकर बिज़नेस और मीडिया तक हर क्षेत्र में अपनी जगह बना रहा है। इसी तरह डेटा साइंस कंपनियों को बड़े स्तर पर फैसले लेने में मदद कर रहा है। साइबर लॉ और साइबर सिक्योरिटी तो डिजिटल लेन-देन और ऑनलाइन दुनिया की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी हो गए हैं।
युवाओं के बीच करियर विकल्प बदलने के पीछे एक वजह यह भी है कि पारंपरिक क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ गई है। डॉक्टर और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में अवसर सीमित होते जा रहे हैं, जबकि एआई और डेटा साइंस जैसे नए क्षेत्रों में संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यही वजह है कि छात्र अब इन पर ज्यादा भरोसा जता रहे हैं।
कुल मिलाकर तस्वीर साफ है कि भारत के युवा भविष्य की दिशा को पहचान चुके हैं। वे सिर्फ पारंपरिक सोच तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि नई तकनीकों और डिजिटल स्किल्स के जरिए खुद को बदलते समय के साथ तैयार कर रहे हैं। यह बदलाव न सिर्फ करियर बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार बाजार के लिए भी सकारात्मक संकेत है।