रायगढ़ : जिले के ग्राम धनागर के चार युवाओं के साथ जिंदल सिमेंट प्लांट के कर्मचारियों द्वारा की गई मारपीट और दुर्व्यवहार की घटना ने पूरे क्षेत्र में गुस्से और हलचल का माहौल बना दिया है. यह घटना उस समय घटी जब ये युवक जिंदल सिमेंट कंपनी के अधिकारियों से यह जानने के लिए गए थे कि उन्हें कब तक नौकरी मिल सकेगी.जिंदल कंपनी ने पहले ही इस क्षेत्र के युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, और ये युवक उसी सिलसिले में अपनी स्थिति को स्पष्ट करने के लिए प्लांट पहुंचे थे.
ग्राम धनागर के चार युवक—देवा पटेल (उम्र 19 वर्ष), प्रमोद पटेल (उम्र 27 वर्ष), विवेक शर्मा (उम्र 28 वर्ष), और टीकम यादव (उम्र 18 वर्ष)—जिंदल सिमेंट प्लांट में नौकरी के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए पहुंचे थे. इन युवाओं का कहना था कि जिंदल कंपनी ने पहले ही गांव के युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, और वे यह जानने के लिए गए थे कि उनका नंबर कब आएगा.जब ये युवक गार्ड से बात कर रहे थे, तो गार्ड ने कंपनी के अधिकारियों को सूचित कर दिया, जिसके बाद जिंदल कंपनी के कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंचे.
आरोप है कि हेमंत वर्मा, नरेंद्र चंदेल, अवधेश शुक्ला और अशोक नामक जिंदल कंपनी के कर्मचारी एक इनोवा कार में पहुंचे और इन युवाओं पर जान से मारने का प्रयास किया. रिपोर्ट्स के अनुसार, इन कर्मचारियों ने पहले इनोवा कार से युवाओं को रौंदने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही यह प्रयास विफल हुआ, उन्होंने गाड़ी से बाहर निकलकर इन युवाओं पर हमला कर दिया.
गार्ड के पास मदद के लिए जाने का कोई अवसर नहीं था, और यह हमला बेहद हिंसक था. इस हमले के दौरान, देवा पटेल का कपड़ा फट गया और उसे सीने में गंभीर दर्द हुआ.विवेक शर्मा किसी तरह अपनी जान बचाकर भागने में सफल रहे, जबकि प्रमोद और देवा भी अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागे. पीड़ितों का कहना है कि अगर वे समय पर भाग नहीं पाते, तो उनकी जान भी जा सकती थी.
यह घटना इतनी गंभीर थी कि युवाओं को किसी तरह गांव वापस पहुंचकर घटना की जानकारी देने के बाद ही उन्हें राहत मिली.पीड़ितों ने घटना के बाद गांव के वरिष्ठ नागरिकों को बताया और फिर कोतरा रोड थाना में इस मारपीट की शिकायत दर्ज करवाई.उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें सिर्फ यह जानने का अधिकार था कि कंपनी के द्वारा किए गए वादे के अनुसार उन्हें कब तक नौकरी मिलेगी.
लेकिन इसके बदले उन्हें बुरी तरह से पीटा गया.युवाओं ने प्रशासन से मांग की है कि इस घटना के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों. यह घटना केवल एक हिंसक हमला नहीं है, बल्कि यह जिंदल सिमेंट प्लांट की रोजगार नीति और उसके कर्मचारियों के व्यवहार पर भी सवाल उठाती है.
जिंदल कंपनी द्वारा किए गए वादे के बावजूद, युवाओं को इस तरह का हिंसक व्यवहार झेलना पड़ा, जो निश्चित रूप से उनके अधिकारों का उल्लंघन है.अगर इस घटना की उचित जांच और कार्रवाई नहीं की जाती, तो इससे स्थानीय लोगों का विश्वास और भी टूट सकता है, जो पहले से ही कंपनी की नीतियों और वादों को लेकर संदेह में हैं.