गोंडा : जब इंसान गर्मी से बेहाल हो जाए, तब सोचिए उन बेजुबान पक्षियों और जानवरों का क्या हाल होता होगा, जिनके पास न तो ठंडी हवा है और न ही पानी की व्यवस्था। ऐसे समय में यदि कोई उनके लिए आगे आए तो वह सिर्फ एक सामाजिक कार्यकर्ता नहीं, बल्कि असली प्रकृति प्रेमी कहलाने योग्य होता है.
ऐसा ही एक नाम गोंडा जिले के नवाबगंज विकासखंड के ग्राम पंचायत खड़ौवा निवासी चन्दन कुमार वर्मा का है, जिन्होंने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर पक्षियों की प्यास बुझाने की एक अनूठी मुहिम छेड़ दी है.
गर्मी में राहत का इंतज़ाम:
गर्मी अपने चरम पर है. पारा दिन पर दिन चढ़ता जा रहा है और जीव-जंतुओं के लिए पानी की उपलब्धता दिन-ब-दिन कम होती जा रही है. इसी चिंतन से प्रेरित होकर समाजसेवी चन्दन कुमार वर्मा ने अपनी टीम के साथ पक्षियों और जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था का बीड़ा उठाया है.
ये युवा अपनी मोटरसाइकिल पर पानी से भरे केन लेकर क्षेत्र के विभिन्न गांवों, गलियों, बाग-बगिचों और सड़कों के किनारे पेड़ों पर लटकाए गए मिट्टी और प्लास्टिक के पात्रों में नियमित रूप से पानी भरते हैं.
दिनचर्या बनी सेवा:
इस टीम की दिन की शुरुआत ही सेवा से होती है। सूरज चढ़ने से पहले ही ये लोग अपने-अपने वाहनों पर पानी से भरे केन लादकर निकल पड़ते हैं. जहां-जहां पेड़ों पर या खुले स्थानों में पानी की आवश्यकता होती है, वहां जाकर पात्रों में पानी भरते हैं। पेड़ों की शाखाओं पर सुरक्षित तरीके से मिट्टी के बर्तन बांध दिए गए हैं, ताकि पक्षी वहां आकर आसानी से पानी पी सकें।
टीम में युवा साथी भी आगे:
चन्दन कुमार वर्मा के इस प्रयास में कई युवा साथी कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। इनमें कृपाशंकर पांडेय, अमरीश सिंह, सुमित पांडेय, दुर्गेश भारती जैसे नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं. इन युवाओं ने न सिर्फ समय और श्रम लगाया, बल्कि अपने खर्चे पर बर्तन खरीदकर, उन्हें बांधने और नियमित पानी भरने की जिम्मेदारी भी निभाई.
प्रकृति प्रेम का अद्भुत उदाहरण:
यह प्रयास केवल सेवा नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति प्रेम और संवेदनशीलता का प्रतीक है। जब अधिकांश लोग गर्मी से बचने के लिए एयर कंडीशनर और कूलर का सहारा ले रहे हैं, तब ये युवा सूरज की तपिश में बेजुबानों की प्यास बुझाने के लिए सड़क पर निकल रहे हैं. यह समाज को एक सकारात्मक संदेश भी दे रहा है कि छोटी-छोटी पहलें भी बड़े बदलाव की ओर ले जा सकती हैं.
प्रशासन को दिखाया आईना:
जहां एक ओर यह युवा टोली बिना किसी सरकारी सहायता के प्रकृति और पर्यावरण के प्रति अपने कर्तव्य का पालन कर रही है, वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन की निष्क्रियता पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा कर रही है। अब तक प्रशासन की ओर से न तो किसी तरह की पानी की व्यवस्था की गई है, न ही गर्मी में बेजुबानों के लिए कोई विशेष अभियान शुरू किया गया है। ऐसे में इन युवाओं का प्रयास प्रशासन के लिए एक आईना बन गया है.
जनता कर रही प्रशंसा:
स्थानीय लोग इन युवाओं की इस सेवा भावना की खुले दिल से प्रशंसा कर रहे हैं। गांव-गांव में चर्चा है कि यदि हर क्षेत्र में कुछ ऐसे जागरूक नागरिक हो जाएं तो न केवल पक्षियों व जानवरों की जान बचाई जा सकती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी ठोस कदम उठाया जा सकता है.
प्रेरणा बनती पहल:
यह मुहिम केवल गोंडा जिले तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। इस पहल से पूरे प्रदेश के युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए। आज जरूरत है कि हर व्यक्ति अपने स्तर पर प्रकृति के साथ जुड़ाव बनाए और उसके संरक्षण में योगदान दे। यदि हर गली, हर मोहल्ले और हर गांव में इस तरह के पात्र लगाए जाएं तो गर्मी में एक भी पक्षी प्यासा नहीं मरेगा.
चन्दन कुमार वर्मा और उनकी टीम का यह प्रयास न केवल पक्षियों की प्यास बुझा रहा है, बल्कि समाज को एक नई दिशा और सोच दे रहा है। जब भीषण गर्मी में बेजुबानों की कोई सुध नहीं ले रहा, तब ऐसे संवेदनशील युवा निस्वार्थ भाव से मानवता का सबसे बड़ा धर्म निभा रहे हैं। समाज और प्रशासन दोनों को चाहिए कि ऐसे प्रयासों को समर्थन दें और स्वयं भी इस अभियान का हिस्सा बनें.