हरियाणा के हिसार की एक स्थानीय अदालत ने यूट्यूबर और पाकिस्तान के लिए कथित तौर पर जासूसी करने के आरोपों का सामना कर रही ज्योति मल्होत्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी है. जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि ज्योति मल्होत्रा संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को भेज रही थीं.
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ज्योति मल्होत्रा सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान से संपर्क में थी और उसे गुप्त सूचनाएं साझा करने के लिए आर्थिक लाभ भी दिया गया. पुलिस ने उसे देशद्रोह और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act) के तहत गिरफ्तार किया था. अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फिलहाल उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया है.
दरअसल, ज्योति ने हिसार की अदालत में अपनी जमानत याचिका दायर कर दी थी. ज्योति के अधिवक्ता कुमार मुकेश ने कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल करते हुए बताया था कि पुलिस की ओर से दाखिल किए गए दस्तावेजों में कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं. पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसका भी गहन अध्ययन किया गया है. इसमें ज्योति को दोषी ठहराने के लिए ठोस आधार नहीं दिखता.
बता दें कि हिसार पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में 16 मई को गिरफ्तार किया था. इसके बाद 17 मई को पुलिस ने उन्हें पांच दिन की रिमांड पर लिया. 18 मई को जांच एजेंसियों ने ज्योति से गहन पूछताछ की, जिसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और संदिग्ध व्यक्तियों से उनके कथित संबंधों की पड़ताल की गई. 22 मई को दोबारा रिमांड पर लिया गया.
26 मई को पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद हिसार कोर्ट ने ज्योति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. उसकी सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई, जिसमें अदालत ने उसकी हिरासत को 14 दिन और बढ़ा दिया.
हिसार में ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ जासूसी के आरोपों सहित भारतीय न्याय संहिता और सरकारी गोपनीयता अधिनियम की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. ज्योति हिसार की न्यू अग्रसेन कॉलोनी की रहने वाली हैं. वो अपने पिता हरीश मल्होत्रा और ताऊ के साथ रहती है. पुलिस ने ज्योति के ताऊ की फिक्स्ड डिपॉजिट भी जब्त कर ली है.