संसद के मॉनसून सत्र के दौरान मोदी सरकार वक्फ संशोधन बिल लेकर आई थी, हालांकि सरकार ने अब इसे JPC के पास भेज दिया है. संसद के अगले सत्र के शुरुआती हफ्ते में ही 31 सदस्यीय समिति अपनी रिपोर्ट देगी. संसद में जब बिल को पेश किया गया था तो विपक्ष ने इसका भारी विरोध किया. इसके अलावा सरकार के कुछ सहयोगियों ने भी बिल को लेकर सुझाव दिए थे, जिसके बाद सरकार ने इसे JPC को भेजने का फैसला किया.
वहीं अब वक्फ बिल के मसले पर जाकिर नाइक की एंट्री हो चुकी है. भारत से भाग कर मलेशिया में रह रहे इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक ने वक्फ बिल को लेकर भारतीय मुसलमानों को भड़काने की कोशिश की है. नाइक ने बयान जारी भारतीय मुस्लमानों से इस बिल को रोकने की अपील की है. जाकिर नाइक ने कहा है कि मुसलमानों को वक्फ संपत्तियों को बचाना चाहिए और इस विधेयक को खारिज करना चाहिए.
मुसलमानों को उकसाने की कोशिश ?
जाकिर नाइक ने मुसलमानों को उकसाने के लिए कहा कि मौजूदा सरकार पहले की तरह ताकतवर नहीं है, विपक्ष भी इस बार मजबूत है, लिहाजा मुसलमानों को अपने हक की लड़ाई लड़नी चाहिए और इस बिल को खारिज करना चाहिए. नाइक ने मोदी सरकार को एंटी मुस्लिम सरकार बताते हुए कहा है कि यह सरकार मुसलमानों को संपत्ति हड़पना चाहती है. उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्ति पर सिर्फ मुसलमानों का हक है गैर मुसलमानों को इसके इस्तेमाल की इजाजत नहीं है.
जाकिर नाइक ने कहा है कि भारतीय मुसलमानों को इस बुराई को रोकने के लिए आगे आना होगा. नाइक ने दावा किया कि वक्फ संशोधन बिल वक्फ की पवित्र स्थिति का उल्लंघन करती है, और इस्लामी संस्थानों के भविष्य पर बुरा प्रभाव डालती है. जाकिर नाइक ने भारतीय मुसलमानों से कहा कि अगर यह विधेयक पारित हो गया तो हमें और हमारी आने वाली पीढ़ियों को खुदा के कहर का सामना करना पड़ेगा.
नाइक ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल को रोकने के लिए कम से कम 50 लाख मुसलमानों के साथ की जरूरत है. उन्होंने एक लिंक जारी करते हुए मुसलमानों से कहा है कि इस QR कोड को स्कैन करके अपना रिजेक्शन भेजें. इसके जरिए वक्फ बिल पर अपनी अस्वीकृति संयुक्त संसदीय समिति को भेजी जा सकती है.
वक्फ संशोधन बिल पर विवाद क्यों?
दावा किया जाता है कि भारत में रेलवे और रक्षा विभाग के बाद सबसे ज्यादा संपत्ति वक्फ बोर्ड के पास है. बिना पर्याप्त दस्तावेजों के वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति पर दावा कर सकता है, साथ ही इसकी संपत्ति बेचने पर भी रोक है.
मोदी सरकार की ओर से वक्फ संशोधन बिल, वक्फ बोर्ड की मनमानियों पर रोक लगाने के मकसद से लाया गया था. इसके जरिए पुराने कानून में 40 बदलाव होने थे. सरकार के मुताबिक इस संशोधन से वक्फ बोर्ड के काम में पारदर्शिता लाई जा सकेगी.
दरअसल वक्फ बोर्ड को लेकर सबसे पहला कानून 1954 में बना था, इसके बाद साल 1995 और 2013 में इसमें कुछ संशोधन किया गया. माना जाता है कि इन संशोधनों से वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार दे दिए गए. जिसकी वजह से वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर शिकायतें बढ़ गईं.
यह बिल अगर कानून की शक्ल ले लेता तो वक्फ बोर्ड को नई संपत्ति का रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन कराना जरूरी हो जाएगा, वक्फ बोर्ड पर्याप्त दस्तावेजों के बिना नई संपत्ति पर दावा नहीं कर पाएगा साथ ही विवाद होने पर वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को अदालतों में चुनौती दी जा सकेगी.
कौन है जाकिर नाइक?
जाकिर नाइक एक इस्लामिक प्रचारक है, भारत में नाइक के खिलाफ नफरत फैलाने, मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद को बढ़ावा देने समेत कई तरह के केस दर्ज हैं. भारत सरकार ने जब जाकिर नाइक के खिलाफ जांच शुरू की तो वह साल 2016 में भारत छोड़कर मलेशिया चला गया. साल 2019 में ईडी ने जाकिर नाइक के खिलाफ टेरर फंडिंग केस में चार्जशीट दाखिल की थी. साल 2022 में केंद्र सरकार ने जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) को अवैध घोषित करते हुए 5 साल का बैन लगा दिया.