Vayam Bharat

Zomato Momos Order: 133 रुपये के आर्डर के बदले अब जोमैटो भरेगा 60,000 रुपये का हर्जाना

नई दिल्ली: सर्विस इंडस्ट्री (Service Industry) में आप चाहे चार्ज जितना वसूल लें, लेकिन यदि सेवा में कोताही करते हैं तो ग्राहक बर्दास्त नहीं करेंगे. वह तुरंत आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ क्विक डिलीवरी ऐप जोमैटो (Zomato) के साथ. कर्नाटक की एक ग्राहक ने इस प्लेटफार्म पर मोमोज का आर्डर प्लेस किया. वहां से डिलीवरी का कंफर्मेशन आया. लेकिन मोमोज की डिलीवरी कभी नहीं हुई. इसके बाद ग्राहक ने ऐसा कुछ किया कि कंपनी को अब 60,000 रुपये का हर्जाना भुगतना होगा.

Advertisement

क्या है मामला
यह मामला है कर्नाकट के धारवाड़ का. वहां रहने वाली शीतल ने 31 अगस्त 2023 को इस प्लेटफार्म पर मोमोज का आर्डर दिया. वहां से आर्डर कंफर्म हुआ, लेकिन घंटों बीतने के बाद भी डिलीवरी नहीं मिली। इसके बाद शीतल ने जोमैटो से और जिस रेस्टोरेंट में आर्डर दिया था, उससे संपर्क किया. लेकिन मोमोज की नहीं के नहीं आए. बार बार फोन करने पर जोमैटो ने कहा कि वह 72 घंटे वेट करे, कंपनी मामले की जांच कर रही है। लेकिन तब भी कोई समाधान नहीं निकला. इसके बाद शीतल ने सितंबर 2023 में जोमैटो के खिलाफ धारवाड़ के District Consumer Disputes Redressal Commission का दरवाजा खटखटाया.

जोमैटो का क्या था कहना

ज़ोमैटो ने कंज्यूमर कोर्ट में अपनी किसी भी तरह की गलती से इनकार किया. हालांकि, कोर्ट ने ज़ोमैटो के महीनों तक कोई कदम ना उठाने पर सवाल उठाए, जबकि शुरुआत में उन्होंने मामले को सुलझाने के लिए समय मांगा था. आखिरकार, मई 2024 में, ज़ोमैटो ने शीतल को मोमोज की कीमत (133.25 रुपये) वापस कर दी. कोर्ट ने माना कि ज़ोमैटो अपनी सेवा में कमी का दोषी है और शीतल को हुई असुविधा के लिए ज़िम्मेदार है.

लगा जुर्माना

कंज्यूमर कोर्ट ने जोमैटो को सेवा में कमी का दोषी मानते हुए उसे ग्राहक को हुई मानसिक परेशानी के लिए 50,000 रुपये का हर्जाना भरने को कहा. इसके साथ ही कानूनी खर्च के लिए 10,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया. मतलब कि ग्राहक को कुल 60,000 रुपये की राशि मिलेगी.

कोर्ट ने फैसले में क्या कहा

कंज्यूमर कोर्ट के अध्यक्ष Eshappa K Bhute ने अपने फैसले में कहा, “ज़ोमैटो ग्राहकों द्वारा ऑनलाइन दिए गए ऑर्डर पर सामग्री की आपूर्ति का व्यवसाय करता है. खरीद मूल्य प्राप्त होने के बावजूद, ज़ोमैटो ने शिकायतकर्ता को आवश्यक उत्पाद नहीं दिया. इस मामले के इन तथ्यों को देखते हुए, हमारी राय में, ऑप नंबर 1 (ज़ोमैटो) ही शिकायतकर्ता के दावे का जवाब देने के लिए उत्तरदायी है.” आयोग के अध्यक्ष ने अपने आदेश में ज़ोमैटो को शीतल को हुई असुविधा और मानसिक पीड़ा के लिए 50,000 रुपये और मुकदमेबाजी की लागत के लिए 10,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया.

जोमैटाे का शेयर आज ऑल टाइम हाई पर

इा फूडटेक कंपनी जोमैटो (Zomato) का शेयर आज बाजार खुलते ही नए रेकॉर्ड पर पहुंच गया. बीएसई (BSE) पर यह 4% से ज्यादा की उछाल के साथ 232 रुपये के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए. आज सुबह इसके शेयर 225 रुपये पर खुले। थोड़ी ही देर में यह 232 रुपये पर चला गया जो कि ऑल टाइम हाई है। सुबह करीब 11 बजे इसके शेयर 227.60 रुपये पर ट्रेड हो रहे थे.

 

Advertisements