मध्य प्रदेश में महकाल नगरी के नाम एक नया विश्व कीर्तिमान दर्ज हुआ है. यह कीर्तिमान बाबा महाकाल की आरती के समय एक साथ 1500 डमरू लगातार 10 मिनट तक बजाने को लेकर है. इस कीर्तिमान को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है. इसकी जानकारी खुद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एडिटर ऋषि नाथ ने दी. मुख्यमंत्री मोहन यादव की मंशा के मुताबिक इस उपलब्ध को हासिल करने के लिए तीन दिन से त्रिवेणी संग्रहालय से चारधाम पहुंच मार्ग शक्ति पथ पर अभ्यास किया जा रहा था.
वैसे तो बाबा महाकाल के दरबार में होने वाले सभी आयोजन भव्य और दिव्य होते हैं, लेकिन इस बार का आयोजन कुछ अलग ही था. इस आयोजन में उज्जैन ही नहीं, प्रदेश भर से डमरू वादक जुटे थे. जैसे ही भस्मारती शुरू हुई, एक साथ इन डमरू वादकों ने डमरू वादन शुरू किया और लगातार 10 मिनट तक डिम-डिम-डिम की धुन से धरती और आकाश गूंजने लगा. 10 मिनट बाद जैसे ही भस्मारती पूरी हुई और एक साथ डमरू बजने बंद हुए तो एक बार तो लगा कि सृष्टि ही थम गई हो.
प्रदेश भर से जुटे थे डमरू वादक
इस मौके पर उज्जैन से सांसद अनिल फिरोजिया, राज्यसभा सदस्य उमेश नाथ महाराज भी मौजूद रहे. इस आयोजन में भोपाल, सागर, खंडवा, खजुराहो, जबलपुर के साथ ही उज्जैन की मां अंबे श्री शिवशक्ति भक्ति मंडल, मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद, श्री नागचंद्रेश्वर भक्त मंडल, शयन आरती भक्ति मंडल, भस्म रमैया भक्त मंडल, बटेश्वर कीर्तन मंडल भोपाल, बडवाले महादेव कीर्तन मंडली भोपाल, श्री महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान जय महाकाल रामायण प्रचारक मंडली उज्जैन के डमरु वादकों ने हिस्सा लिया.
इस कार्यक्रम में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के पदाधिकारी भी मौजूद थे. सभी ने अपनी आंखों से इस कार्यक्रम को देखा और इसकी भव्यता व दिव्यता का एहसास करते हुए तत्काल विश्व कीर्तिमान दर्ज होने की घोषणा भी कर दी. श्री महाकालेश्वर मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल के मुताबिक अब तक अलग-अलग विषयों पर गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए जाते रहे हैं, लेकिन पहली बार भगवान शिव को अति प्रिय डमरू बजाने का रिकार्ड बना है.
टूट गया 488 डमरू का रिकार्ड
इस उपलब्ध को हासिल करने के लिए उज्जैन के लोग काफी उत्साहित थे. सभी लोग कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए एक ड्रेस में बाबा के दरबार में पहुंचे, अनुशासित तरीके से बाबा के जयकारे लगाए और डमरू वादन किया. इससे पहले इसी तरह का रिकार्ड फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन न्यूयॉर्क ने बनाया था. हालांकि उस समय केवल 488 डमरू बजे थे. अब उज्जैन में 1500 डमरू बजने के साथ ही यह पुराना रिकार्ड टूट गया है.