वडोदरा लोकसभा सीट पर क्या पक रहा है? वडोदरा के दिग्गज नेता दिल्ली में क्यों हैं? डॉ हेमांग जोशी की मुहिम पर भी लगेगा ब्रेक!!

वडोदरा लोकसभा सीट अब बीजेपी आलाकमान के लिए सिरदर्द बनती जा रही है. वडोदरा शहर के भाजपा मंडल में चल रही चर्चा के अनुसार लोकसभा प्रत्याशी डाॅ. हेमांग जोशी के प्रचार अभियान को अब बीजेपी आलाकमान ने रोक दिया है.

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अगर इस मसले को सिलसिलेवार समझें तो बीजेपी की ओर से लोकसभा उम्मीदवारों के नाम की एक लिस्ट जारी की गई थी. जिसमें वडोदरा सीट से रंजनबेन भट्ट को तीसरी बार मौका गया था. रंजनबेन भट्ट के नाम का भारी विरोध शुरू हो गया. भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी और विरोध के बीच शहर में बैनर वॉर भी छिड़ गया. हालांकि इस बैनर के पीछे शहर कांग्रेस अध्यक्ष रुत्विज जोशी का नाम सामने आया था. लेकिन यह बात अभी भी अधिकांश लोगों द्वारा स्वीकार नहीं की गई है.

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बीजेपी ने पहली बार वडोदरा लोकसभा सीट पर डैमेज कंट्रोल करने की परंपरा को तोड़ा और दूसरी लिस्ट जारी का डॉ. हेमांग जोशी के नाम की घोषणा की गई. इससे पहले रंजनबेन भट्ट ने ट्विटर पर चुनाव नहीं लड़ने की मंशा जाहिर करते हुए टिकट लेने और चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था.

डॉ. हेमांग जोशी पोरबंदर के रहने वाले हैं और फिजियोथेरेपी की पढ़ाई के लिए 2008 में एमएस विश्वविद्यालय वडोदरा आए थे. पार्टी ने लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर उनके नाम की घोषणा तो कर दी, लेकिन सभी जानते हैं कि हेमांग जोशी का रिमोट किसके पास है. पार्टी के अंदरखाने में कार्यकर्ता उन्हें आयातित उम्मीदवार बता रहे हैं. चुपचाप हो रहे विरोध की एक वजह ये भी है कि कई कार्यकर्ता हेमांग जोशी को जानते तक नहीं हैं.

आज गोवर्धन झड़फिया वडोदरा आ रहे हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस विरोध पर पार्टी क्या फैसला लेगी और क्या पार्टी फिर से किसी नए प्रत्याशी की घोषणा करेगी?

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