लोकसभा चुनाव को लेकर जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. एक तरफ जहां चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार जीतने के लिए दिन-रात प्रचार कर रहे हैं, वहीं, जिले में भाजपा और सपा प्रत्याशियों की हार जीत को लेकर दो अधिवक्ताओं के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों ने अपने-अपने प्रत्याशियों की हार-जीत को लेकर दो-दो लाख रुपए की शर्त लगा ली. बाकायदा दोनों अधिवक्ताओं ने लिखित में 10 रुपये के स्टांप पर अनुबंध भी किया है. इसमें दो अधिवक्ता गवाह भी बने हैं. इसके पहले भी ऐसे कुछ मामला सामने आ चुके हैं.
जानकारी के मुताबिक, उझानी कस्बे के गौतमपुरी मोहल्ले के रहने वाले दिवाकर वर्मा उर्फ टिल्लन वर्मा अधिवक्ता हैं और कचहरी में वकालत करते हैं. दिवाकर भाजपा के समर्थक हैं. उझानी कोतवाली क्षेत्र के बरामालदेव गांव के रहने वाले सत्येंद्र पाल भी कचहरी में वकालत करते हैं और समाजवादी पार्टी के समर्थक हैं. दोनों अधिवक्ताओं में शनिवार को अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत को लेकर बहस छिड़ गई. दोनों अपने-अपने प्रत्याशियों को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करने लगे. बहस आगे बढ़ी तो दोनों ने दो-दो लाख रुपये की शर्त लगा ली. इसके बाद लिखित में 10 रुपये के स्टाम्प पेपर पर एक अनुबंध कराया गया.
अनुबंध में लिखा है कि जिस समर्थक का प्रत्याशी जीतता है, उसे हारने वाले प्रत्याशी के समर्थक को 2 लाख रुपये देने होंगे. दोनों अधिवक्ताओं की तरफ से एक-एक गवाह भी बनाया गया हैं. वह भी अधिवक्ता हैं. जब दोनों वकीलों के बीच में अनुबंध हुआ तो कचहरी में काफी भीड़ जमा हो गई. अधिवक्ता दिवाकर वर्मा का कहना है कि भाजपा के दुर्विजय सिंह शाक्य जीतेंगे. जबकि अधिवक्ता सत्येंद्र पाल का कहना है कि समाजवादी पार्टी से आदित्य यादव जीतेंगे. अब दोनों अधिवक्ताओं को 4 जून का इंतजार है. फिलहाल अधिवक्ता द्वारा शर्त लगाने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. फिलहाल अब 4 को परिणाम का इंतजार है. बता दें कि इस बार बदायूं से सपा के महासचिव शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव सपा उम्मीदवार हैं. जिसको लेकर शिवपाल सिंह लगातार चुनावी सभा कर जिताने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, भाजपा प्रत्याशी दुर्विजय सिंह भी मैदान में हैं.