पाकिस्तान की सेना ने अफगानिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में हवाई हमले किए, जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं और बच्चों सहित आठ नागरिकों की मौत हो गई। इन हमलों में पाकिस्तान सीमा के पास खोस्त और पक्तिका प्रांतों में नागरिक घरों को निशाना बनाया गया। वहीं, अब पाकिस्तान के हमलों का अफगानिस्तान ने भी करारा जवाब दिया है।
दोनों देशों के बीच ताजा संघर्ष की शुरुआत शनिवार (16 मार्च) को हुई। दरअसल, शनिवार को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मीर अली में एक आत्मघाती हमलावर ने अपने विस्फोटक से भरे ट्रक को एक सैन्य चौकी में घुसा दिया। यह इलाका अफगानिस्तान की सीमा से लगा हुआ है। इस घटना में सात पाकिस्तानी सैनिक मारे गए।पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि उसकी जवाबी गोलीबारी में सभी छह हमलावरों को मार गिराया गया।
हमले की जिम्मेदारी हाल ही बने एक आतंकी समूह जैश-ए-फुरसन-ए-मुहम्मद ने ली। कहा गया कि इस समूह को मुख्य रूप से पाकिस्तानी तालिबान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के सदस्यों ने बनाया है। प्रतिबंधित टीटीपी के निशाने पर अक्सर पाकिस्तानी सैनिक और पुलिसकर्मी रहे हैं। इस हमले के बाद पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने जवाबी कार्रवाई करने का एलान किया।
बीते दो तीन वर्षों में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते काफी बिगड़ गए हैं। 20 साल के युद्ध के बाद 2021 में अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी हो गई। इस बीच अफगान तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा कर लिया। पाकिस्तान बार-बार ये आरोप लगाता रहा है कि अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता टीटीपी को पनाह दे रही है।
दूसरी ओर अफगान तालिबान इन आरोपों को नकारता रहा है। अफगान तालिबान का कहना है कि वे किसी भी आतंकवादी समूह को हमले करने के लिए अफगानी धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देते हैं। हालांकि, टीटीपी ने हाल के वर्षों में पाकिस्तान के अंदर हमले बढ़ा दिए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं।