अमेरिका ने पाकिस्तान को ईरान के साथ बिजनेस डील करने को लेकर वॉर्निंग दी है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा है कि इसके बदले वो पाकिस्तान पर कई प्रतिबंध लगा सकता है.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा, “जो भी ईरान के साथ व्यापार करेगा उस पर बैन लगने का खतरा है. हालांकि, पाकिस्तान को अपनी विदेश नीति को लेकर खुद फैसले लेने का हक है.”
दरअसल, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी 22 अप्रैल को 3 दिन के दौरे पर पाकिस्तान पहुंचे थे. पाक PM शहबाज शरीफ के साथ बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच ट्रेड को 10 अरब डॉलर पहुंचाने पर सहमति बनी थी. इसके अलावा दोनों ने अलग-अलग क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने से जुड़े 8 MoU भी साइन किए थे.
इससे कुछ दिन पहले अमेरिका ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्राग्राम के लिए तकनीक और जरूरी सामानों की सप्लाई करने पर चीन की 3 कंपनियों पर बैन लगा दिया था. इसमें बेलारूस की भी एक कंपनी शामिल थी.
अमेरिका ने बताया था कि कार्रवाई के तहत कंपनियों से जुड़ी सभी संपत्ति को सीज कर दिया गया है. वहीं इनके अफसरों की देश में एंट्री पर रोक लगा दी गई है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा, “प्रतिबंध इसलिए लगाए गए क्योंकि ये वो कंपनियां थीं, जो बड़े स्तर पर तबाही मचाने वाले हथियारों की सप्लाई का साधन थीं.
इससे ऐसे हथियारों के इस्तेमाल को बढ़ावा मिल सकता है. हमारे पास सबूत हैं कि चीन और बेलारूस की कंपनियां पाकिस्तान को बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के लिए जरूरी इक्विपमेंट और सामान सप्लाई कर रही थीं.”
बेलारूस की कंपनी मिंस्क व्हील पाकिस्तान की लंबी दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए चैसिस व्हीकल सप्लाई करती थी. इन्हें मिसाइल लॉन्च करने के लिए सपोर्ट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. वहीं चीन की शियान लॉन्गदे कंपनी मिसाइल से जुड़े उपकरण जैसे फिलामेंट वाइंडिंग मशीन देती है. इसका इस्तेमाल रॉकेट मोटर के केस बनाने में होता है.
तियांजिन कंपनी पाकिस्तान को जो सामान सप्लाई करती है, उसका इस्तेमाल स्पेस लॉन्च व्हीकल के टैंकों की वेल्डिंग में किया जाता है. वहीं ग्रैनपेक्ट कंपनी के उपकरण पाकिस्तान के रॉकेट मोटर की टेस्टिंग में काम आते हैं.
अमेरिका के प्रतिबंधों पर पाकिस्तान ने विरोध जताया था. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा था, “हम निर्यात पर कंट्रोल का इस्तेमाल राजनीतिक फायदों के लिए किए जाने का विरोध करते हैं. पाकिस्तान पर पहले भी बिना किसी सबूत के ऐसे आरोप लगाए गए हैं.”
मुमताज बलोच ने आगे कहा था, “हम पहले भी कई बार बता चुके हैं कि इन सामानों का कॉमर्शियल इस्तेमाल भी होता है. जो आज हम पर प्रतिबंध लगा रहे हैं वो कई दूसरे देशों के मिलिट्री तकनीक हासिल करने के लिए जरूरी लाइसेंस को भी माफ कर चुके हैं. इसी वजह से दुनिया में हथियारों की प्रोडक्शन बढ़ रहा है जो वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है.”