Vayam Bharat

MH370 प्लेन गायब होने के लिए क्या एलियन जिम्मेदार? दुनिया के सबसे रहस्यमय हवाई हादसे पर अरबपति एलन मस्क ने क्या कहा

मलेशिया के लापता हुए विमान MH370 से जुड़ा एक नए वीडियो सामने आया है. इसे MH370 का ड्रोन वीडियो कहा गया है. वीडियो में विमान के बेहद करीब कुछ उड़ता नजर आ रहा है. इस पर एक यूजर ने लिखा, “प्लेन के इतने करीब उड़ते गोल ऑब्जेक्ट किसी ऑपरेशन का हिस्सा लग रहा है. गोले की चारों तरफ प्लाज्मा क्षेत्र है, जो ग्रैविटी की तरह है.”

Advertisement

सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर हो रहे इस वीडियो पर टेस्ला के CEO एलन मस्क का बयान सामने आया है. मस्क ने कहा कि उन्होंने अब तक एलियन से जुड़ा कोई सबूत नहीं देखा है. अगर उन्हें इसकी जानकारी मिलेगी तो वे जरूर साझा करेंगे.

वीडियो से जुड़े पोस्ट पर कमेंट करते हुए एलन मस्क ने कहा, “स्पेसएक्स के करीब 6 हजार सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में मौजूद हैं. इसके बावजूद हमें अब तक एक बार भी एलियन के करीब से गुजरना नहीं पड़ा है.”

मलेशियाई एयरलाइंस का लापता विमान MH370 पिछले 10 साल से रहस्य बना हुआ है. विमान को लेकर अक्सर नई थ्योरीज और दावे सामने आते रहते हैं. करीब एक महीने पहले एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई थी कि प्लेन के कैप्टन ने विमान को क्रैश करने की योजना बनाई थी.

एक्सपर्ट और ब्रिटिश बोइंग 777 के पायलट साइमन हार्डी ने कहा था, “फ्लाइट MH370 समुद्र की गहराइयों (समुद्र में बनी खाई) में है. कैप्टन जहारी अहमद शाह ने इसे क्रैश करने की प्लानिंग की थी. फ्लाइट के प्री-डिपार्चर डॉक्यूमेंट्स से यह साबित होता है.”

वहीं अमेरिका के टेक्सास राज्य की एक कंपनी ओशन इन्फिनिटी ने दावा किया था कि उनके पास MH370 विमान की क्रैश लोकेशन है. कंपनी ने मलेशियाई सरकार के सामने हिंद महासागर में नए सिरे से खोज शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा था.

सितंबर में ब्रिटेन की रॉयल एरोनॉटिकल सोसाइटी में एरोस्पेस एक्सपर्ट जीन-लुक मरचंद और पायलट पैट्रिक ब्लेली ने रिसर्च के बाद उस नए क्षेत्र की जानकारी दी थी, जहां प्लेन के गायब होने की आशंका है. उन्होंने कहा था कि इस इलाके में 10 दिन के अंदर छानबीन पूरी की जा सकती है.

एक्सपर्ट के मुताबिक- जिसने भी प्लेन हाईजैक किया वो बेहद अनुभवी था. उसने पूरी प्लानिंग के साथ इसे अंजाम दिया. प्लेन के केबिन में दबाव को खत्म कर दिया गया, ताकि मलबा ज्यादा न हो और इसे ढूंढा न जा सके.

मलेशियाई एयरलाइंस का विमान MH370 8 मार्च 2014 को कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए रवाना हुआ था. चीन के मीडिया साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, इसमें 239 पैसेंजर सवार थे. टेकऑफ के करीब 38 मिनट बाद फ्लाइट रडार से गायब हो गई थी.

विमान की तलाश में 26 देशों के 18 शिप, 19 एयरक्राफ्ट और 6 हेलिकॉप्टर लगे हुए थे. महीनों तक सर्च ऑपरेशन्स चलाने के बाद 2017 में इस अभियान को आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया. हालांकि, 2019 में अमेरिकी कंपनी ओशन इनफिनिटी ने फिर से तलाशी अभियान शुरू करने का ऐलान किया था.

एक्सपर्ट का मानना है कि उन्होंने दुनियाभर में रेडियो फ्रीक्वेंसी में हुई गड़बड़ी को ट्रैक करके विमान के अंतिम रास्ते का पता लगा लिया था. समुद्र के ऊपर विमान के रास्ते में हैरतअंगेज पैटर्न पाए गए थे. ऐसा तब होता है जब पायलट जानबूझकर एयरक्राफ्ट के इंजन को बंद कर दे.

विमान का रास्ता सीधा था, तो हो सकता है कि पायलट जहारी अहमद शाह ने उसे ऑटो-पायलट मोड पर रखा हो. इस दौरान ये भी दावा किया गया था कि विमान का संपर्क खुद नहीं टूटा था, बल्कि इसे तोड़ा गया था. फ्लाइट संख्या MH 370 ने रात 12 बजकर 41 मिनट पर कुआला लंपुर से उड़ान भरी थी. ठीक 38 मिनट बाद विमान का ट्रांसपॉन्डर ऑफ हो गया.

ATC उसी ट्रांसपॉन्डर के जरिए विमान और उसके रूट को जमीन से कंट्रोल करती है. जिस किसी ने भी विमान का ट्रांसपॉन्डर बंद किया वो जानता था कि ट्रांसपॉन्डर के बंद होते ही विमान रडार की नजरों से गायब हो जाएगा.

Advertisements