बलौदाबाजार: सेक्स रैकेट और ब्लैकमेलिंग केस का खुलासा, 8 लोगों ने वसूले 41 लाख, कांग्रेस बोली- दागदार नेताओं के धुल गए दाग

बलौदाबाजार शहर के बहुचर्चित सेक्स रैकेट ब्लैक मेलिंग कांड में बुधवार को पुलिस ने खुलासा किया है. बताया जा रहा है कि इस रैकेट में 8 लोग शामिल हैं, जिसमें 4 लोगों की गिरफ्तारी हो गई है, जबकि 4 आरोपी फरार है. ये सभी पैसे वाले लोगों को अपने जाल में फंसाकर लूटते थे. अब तक 41 लाख की वसूली की जा चुकी है.

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पुलिस के मुताबिक 3 आरोपी दुर्गा टंडन (30), प्रत्यूष उर्फ मोंटी मरैया (28), रवीना टंडन (22) की गिरफ्तारी की गई है, जबकि 4 आरोपी शिरीष पांडेय, पुष्पमाला फेकर, हीराकली बंजारे, आशीष शुक्ला फरार हैं.

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प्रेसवार्ता के दौरान ASP अविनाश ठाकुर और एसडीओपी निधि नाग ने कहा कि मास्टर माइंड शिरीष पांडेय सहित अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद और कई नाम आरोपियों के रूप में सामने आ सकते हैं.

गिरफ्तार हो चुके एक आरोपी के परिजनों ने ब्लैकमेलिंग मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता सामने आने के बाद भी अब तक उन पुलिसकर्मियों पर आरोप तय नहीं किए जाने से जांच की निष्पक्षता पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं.

कांग्रेस जिलाध्यक्ष हितेन्द्र ठाकुर ने जांच पर कहा कि दागदार दामन वाले नेताओं के दाग एक रात में ही धुल गए. यह उनकी पार्टी के फुल्ली ऑटोमेटिक मशीन का कमाल है. पहले जांच सही दिशा पर जा रही थी, लेकिन एक रात में जांच की स्क्रिप्ट ही बदल दी गई.

हितेन्द्र ठाकुर ने कहा कि शहर में चर्चा है कि सरकारी महकमों में भोजन सप्लाई का काम करने वाला एक ठेकेदार जो कई साल से शासकीय और प्राइवेट सेवाओं से सेवानिवृत्त हुए लोगों को लड़कियां सप्लाई करता था. उसे पुलिस ने आरोपी ना बनाकर कैसे सरकारी गवाह बना लिया.

इस गिरोह द्वारा बहुत ही सुनियोजित तरीके से बलौदाबाजार शहर और आसपास के धनवान लोगों को फंसाते थे. उन्हें महिला संबंधी अपराध में फंसाने और लोक-लाज का भय दिखाकर लाखों रुपए की मोटी रकम वसूली की जाती थी.

यह गिरोह बहुत ही शातिर तरीके से अपने काम को अंजाम देता था. गिरोह के सभी सदस्यों के मध्य काम का बंटवारा करते हुए सभी सदस्य अपनी अलग-अलग भूमिका निभाते थे.

*किसकी क्या भूमिका होगी पहले से होती थी तय*

मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरैया, दुर्गा टंडन तय शिकार से मिलने और उसे फंसाने के लिए बाहर से बुलायी गयी लडकियों के ठहरने, खाने का इंतजाम करते थे. लडकी को शिकार के पास भेजते थे. इसके बाद शिकार के पास लड़की के रिश्तेदार बनकर पहुंच जाते थे. लड़की के साथ ज्यादती की बात कहकर रिपोर्ट लिखाने की धमकी देते थे.

1. *हीराकाली-* यह प्रकरण की एक अन्य आरोपी है, जो शिकार को फंसाने के लिए लड़की का इंतजाम करती थी. यही गिरोह से संपर्क के माध्यम से लड़कियों को बुलाकर शिकार के पास भेजती थी.

2. *आशीष शुक्ला-* यह आरोपी मीडिया की आड़ में बहुत ही शातिर तरीके से शिकार को धमकाने के लिए उसका यह कृत्य न्यूज और प्रेस के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का डर दिखाकर वसूली करता था. जांच में यह बात सामने आई कि ब्लैकमेलिंग के शिकार एक व्यक्ति ने 75 हजार रुपए का भुगतान उसके दुकान में जाकर स्वयं किया था.

गिरोह धनवान और रिटायर्ड कर्मियों का शिकार करता था, फिर तय शिकार से मेल-जोल बढाकर गिरोह की महिला से मिलाने का दिन और समय तय किया जाता था. उसी तय समय में गिरोह के अन्य सदस्य महिला के घर पहुंचते थे.

रूम के अंदर वे शिकार का महिला के साथ फोटो लेते थे, वीडियो भी बनाते थे. उसे न्यूज बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने का भय दिखाते थे. शिकार बदनामी के डर से गिरोह के सदस्यों को तय रकम दे देता था.

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