घर खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार को लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) की मौजूदा व्यवस्था में संशोधन करने का फैसला किया है. जानकारी के मुताबिक इस बदलाव के बाद टैक्स पेयर्स को 23 जुलाई 2024 से पहले अर्जित संपत्तियों पर 12.5 प्रतिशत की कम टैक्स (बिना सूचीकरण वाली संपत्तियों पर) या सूचीकरण के साथ 20 प्रतिशत की उच्च दर में से किसी एक के बीच चयन करने की अनुमति मिलेगी. इस प्रस्ताव को लेकर सरकार मंथन कर रही है, जिसे जल्द लागू किया जा सकता है.
इस संशोधन के बाद टैक्स पेयर्स को अचल संपत्तियों पर मिलने वाले आर्थिक लाभ पर लगने वाले टैक्स में राहत मिलेगी. यह बदलाव वित्त विधेयक 2024 में संशोधन के माध्यम से किया गया था. दरअसल, आम बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स संबंधी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं. जिनमें से एक प्रमुख बदलाव में रियल एस्टेट क्षेत्र में मिलने वाले इंडेक्सेशन के लाभ को खत्म करना था. साथ ही बजट में लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को 20% से घटाकर 12.5% कर दिया गया था. लेकिन अब इसमें संशोधन करने पर विचार किया जा रहा है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
बजट 2024 में सरकार ने प्रॉपर्टी बेचने पर लगने वाले टैक्स के नियम में बड़ा बदलाव की बात कही थी. जिसके बाद विवाद बढ़ गया था. सरकार ने लॉन्ग टर्म में प्रॉपर्टी बेचने पर लगने वाले LTCG टैक्स को कम करके 12.5 प्रतिशत कर दिया था. लेकिन इसपर मिलने वाले Indexation बेनिफिट को भी हटा दिया गया था. बाद में सरकार ने स्पष्ट किया है कि कौन सी प्रॉपर्टी पर इंडेक्सेशन लागू होगा और कौन सी प्रॉपर्टी पर नहीं?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में एक स्टैंडर्ड लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स का ऐलान किया था. पहले, कई फाइनेंशियल और नॉन- फाइनेंशियल प्रॉपर्टीज पर अलग-अलग LTCG रेट्स लागू होते थें. जैसे- एक साल से ज्यादा समय तक रखे गए शेयरों को बेचने पर 10 प्रतिशत LTCG टैक्स लगता था, जबकि रियल एस्टेट और सोने जैसे नॉन फाइनेंशियल प्रॉपर्टी को सेल करने पर 20 प्रतिशत टैक्स लगाया था.
सरकार ने बजट में किसी भी तरह की संपत्ति को सेल करने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स एक कर दिया था. इसका मतलब था कि चाहे आप शेयर बेचें या फिर कोई भी प्रॉपर्टी सेल करें, आपको 12.5 प्रतिशत का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा. हालांकि सरकार ने प्रॉपर्टी बेचने पर मिलने वाले इंडेक्सेशन को हटा दिया था. इसके बाद सरकार का कहना है था कि यह बदलाव टैक्स सिस्टम को आसान बनाने के लिए किया गया था.
इंडेक्सेशन किसी प्रॉपर्टी की खरीद प्राइस को समय के साथ महंगाई के अनुसार एडजस्ट करता है, जिसका उपयोग कैपिटल गेन के कैलकुलेशन के लिए किया जाता है. सरकार आधार वर्ष (2001-2002) के रिलेटेड वैल्यू चेंजेज को मापने के लिए हर साल कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (CII) जारी करती है. इस आधार पर कैलकुलेशन करके इंडेक्सेशन निकाला जाता है.