भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को लोकसभा सांसद कंगना रनौत की ओर से तीन कृषि कानूनों को बहाल करने की मांग वाली टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया है. बीजेपी का कहना है कि उन्हें पार्टी की ओर से इस मुद्दे पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है.
बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक बयान में कहा, ‘सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बीजेपी सांसद कंगना रनौत का केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए कृषि बिलों पर दिया गया बयान वायरल हो रहा है. मैं साफ कर देना चाहता हूं कि यह बयान उनका व्यक्तिगत बयान है.’
‘बयान देने के लिए अधिकृत नहीं कंगना’
#WATCH | BJP leader Gaurav Bhatia says, "On the social media platforms, BJP MP Kangana Ranaut's statement on the farm bills that was withdrawn by central govt, is going viral. I want to make it clear that this statement is a personal statement of her. Kangana Ranaut is not… pic.twitter.com/hZmJ8j7Qf8
— ANI (@ANI) September 24, 2024
उन्होंने कहा, ‘इस मुद्दे पर कंगना रनौत बीजेपी की ओर से कोई बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और यह कृषि बिलों पर बीजेपी के दृष्टिकोण को नहीं दिखाता है.’ वहीं कंगना ने बीजेपी प्रवक्ता का वीडियो शेयर करते हुए कहा, ‘बिल्कुल, कृषि कानूनों पर मेरे विचार व्यक्तिगत हैं और ये पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.’
Absolutely, my views on Farmers Laws are personal and they don’t represent party’s stand on those Bills. Thanks. https://t.co/U4byptLYuc
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 24, 2024
इससे पहले मंगलवार, 24 सितंबर को हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि तीन कृषि कानूनों, जिन्हें किसानों के लंबे विरोध प्रदर्शन के बाद वापस ले लिया गया था, सरकार को वापस लाने चाहिए.
‘किसानों को खुद करनी चाहिए कानूनों की मांग’
हिमाचल प्रदेश में अपने निर्वाचन क्षेत्र मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए कंगना रनौत ने कहा, ‘मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है लेकिन तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए. किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए.’
कंगना ने तर्क दिया कि तीनों कानून किसानों के लिए फायदेमंद थे लेकिन कुछ राज्यों में किसान समूहों के विरोध के कारण सरकार ने उन्हें वापस ले लिया. उन्होंने कहा, ‘किसान देश के विकास का एक स्तंभ हैं. मैं उनसे अपील करना चाहती हूं कि वे अपने भले के लिए कानूनों को वापस लाने की मांग करें.’