मुख्यमंत्री विष्णुदेव के सुशासन में आज के दौर में बिजली इंसान की मूलभूत आवश्यकता का पर्याय बन चुकी है. नगरीय इलाकों सहित दूरस्थ क्षेत्रों में बिजली पहुंचाना सुनिश्चिति करने राज्य सरकार दृढ़ संक्लपित है. ऐसे क्षेत्रों में जहां पर किसी कारणवश अब तक बिजली की पहुंच नहीं हो पाई है. वहां विशेष कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल प्रारंभ कर दिया गया है. हाल ही में मुख्यमंत्री के विशेष पहल पर कोरवा जनजाति बाहुल्य ग्राम महुआपानी में आजादी के बाद पहली बार बिजली पहुंचाने कार्य की स्वीकृति मिली है. इसी कड़ी में विकासखंड कांसाबेल के ग्राम पंचायत साजापानी में मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय की पहल पर पहले से स्थापित खंभों मे तार लगाने सहित विद्युतिकरण कार्य के लिए 6.85 लाख रुपयों की राशि की स्वीकृति प्राप्त हुई है.
ग्राम साजापानी के सरपंच सहित ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के नाम कैंप कार्यालय में आवेदन कर बताया कि उनके ग्राम पंचायत के सुखवासुपार में कुछ वर्ष पूर्व बिजली खंभा लगाया गया था, लेकिन तार लगाने सहित विद्युतिकरण का कार्य अभी तक नहीं हो पाया है. जिससे ग्रामीणों को काफी पेरशानियों का सामना करना पड़ता है. हाथी विचरण क्षेत्र होने की वजह से खतरा भी बना रहता है. उन्होंने इस समस्या के जल्द निराकरण की मांग की. समस्या की गंभीरता को देखते हुए कैम्प कार्यालय द्वारा तुरंत पहल की गई. विद्युत विभाग के अधिकारियों द्वारा गांव का सर्वे कर समस्या का अवलोकन कर त्वरित प्रयास प्रारम्भ किये गए. जिसके फलस्वरूप ग्राम पंचायत साजापानी में विद्युतिकरण कार्य हेतु 6.85 लाख रुपयों की स्वीकृति प्राप्त हुई है. जिसके संबंध में ग्रामीणों को जब जानकारी मिली तो उनकी खुशी का ठीकाना नहीं था.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री के पहल पर आदिवासी अँचलों में बिजली से वंचित रह गए घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 3 अतिविशिष्ट योजनाओं के माध्यम से 77,292 घरों में बिजली पहुंचाने की कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल प्रारंभ कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा इस महती कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है. जिसमें से 2 योजनाएं केंद्र सरकार की है तथा 1 योजना छत्तीसगढ़ शासन की है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 426 करोड़ रुपए से अधिक लागत की इन योजनाओं का क्रियान्वयन शीघ्रता से करने के निर्देश भी दिए है.
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