उत्तराखंड में इन दिनों वनाग्नि, चारधाम यात्रा और पेयजल आपूर्ति एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. इन चुनौतियों से पार पाने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व में दिए गए दिशा निर्देशों के अनुपालन की न सिर्फ जानकारी ली, बल्कि वनाग्नि पर लगाम लगाने, पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करने और चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर तमाम जरूरी दिशा निर्देश दिए. बैठक के दौरान सीएम ने वनाग्नि की घटना में लापरवाही बरतने वाले 17 अधिकारियों और कर्मचारियों के सस्पेंशन के आदेश दिए हैं. 10 लोगों को निलंबित किया है, 5 लोगों को संबद्ध और 2 अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
बैठक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश के जंगलों में लगी आग, एक बड़ी समस्या और चुनौती बनी हुई है. इसकी समीक्षा के दौरान जिम्मेदार अधिकारियों को फील्ड में जाने को निर्देश दिए गए थे. ऐसे में अधिकारी फील्ड में जाकर वहां से काम कर रहे हैं. बैठक के दौरान अधिकारियों ने जो रिपोर्ट रखी है, उसके अनुसार वनाग्नि आधी से भी कम हो गई है. वनाग्नि की रोकथाम के लिए सभी जिलाधिकारियों और शासन के आला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो इसकी लगातार मॉनिटरिंग करें. सीएम ने कहा कि जो लोग वनाग्नि की घटनाओं को कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो. साथ ही जिन लोगों ने अपने कामों में लापरवाही बरती है, उनको निलंबित किया गया है. वनाग्नि को लेकर अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जा रही है.
उत्तराखंड चारधाम यात्रा का इंतजार उत्तराखंडवासियों समेत देश भर के लोगों को रहता है. ऐसे में चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं के संबंध में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई है, ताकि चारधाम यात्रा सही ढंग से संचालित हो. यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना हो. श्रद्धालु उत्तराखंड से एक अच्छा संदेश लेकर जाएं, इसके लिए तमाम उपायों पर चर्चा की गयी है. साथ ही सीएम ने चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि चारधाम यात्रा धार्मिक यात्रा है. ऐसे में सभी लोग यात्रा के नियमों का जरूर पालन करें. प्लास्टिक का इस्तेमाल न करके सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें.
सीएम धामी ने कहा कि आपदा विभाग की भी समीक्षा बैठक की गई है. प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते मुख्य रूप से भूस्खलन, आपदा, अतिवृष्टि, बर्फबारी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में इन सभी के साथ सड़कों की व्यवस्था और पेयजल आपूर्ति की समीक्षा की गई है. हर साल पेयजल किल्लत की समस्या का सामना करना पड़ता है. लोगों को लंबी लंबी लाइनें लगाकर पानी लेने का इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में पेयजल विभाग को निर्देश दिए हैं कि जनता को पेयजल के लिए दिक्कतों का सामना न करना पड़े. इसके लिए पेयजल विभाग, संवेदनशील होकर काम करे. इसके भी निर्देश दिए गए हैं. ऊर्जा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि बिजली की किल्लत न हो.
इसके अलावा मौसम विभाग की ओर से दी गई चेतावनी को लेकर सिंचाई विभाग समेत अन्य विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए अपनी तैयारियों को मुकम्मल करें. बता दें कि मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेश भर में 11 मई से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. साथ ही वर्तमान समय में पर्वतीय क्षेत्रों पर बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है. मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बुधवार को पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत और नैनीताल में कुछ स्थानों पर बारिश की संभावना है. देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, ऊधमसिंह नगर और चमोली में हल्की बारिश की संभावना है.