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एंबुलेंस में नवजात शिशु की ड्राइवर ने कराई डिलीवरी! अस्पताल पहुंचने के बाद मौत

कोरबा: सरकारी एंबुलेंस से अस्पताल आते वक्त दो दिन के भीतर कोरबा जिले में चौथी मौत हो गई है. ताजा मामला कोरबा जिले के अजगरबहार के पास ग्राम पंचायत कदमझरिया का है. जहां विशेष पिछड़ी संरक्षित जनजाति की गुरुवाती और सुखलाल के नवजात शिशु की प्रसव के दौरान मेडिकल कॉलेज अस्पताल आते-आते मौत हो गई है. दो दिन में एंबुलेंस से अस्पताल लाने और मौत होने की घटनाओं ने जिले में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है. ताजा मामले में भी एंबुलेंस में ऑक्सीजन मौजूद नहीं होने की बात सामने आई है. एंबुलेंस के ड्राइवर ने रास्ते में ही महिला की डिलीवरी करवा दी गई थी.

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ये है पूरा मामला : सुखलाल मूलतः रायगढ़ जिले का रहने वाला है जो कदमझरिया में अपने ससुराल में आकर पत्नी गुरुवती के साथ रह रहा था. प्रेग्नेंट गुरुवती को सोमवार की देर रात प्रसव पीड़ा हुई. जिसे मंगलवार अलसुबह अजगरबहार के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, इस वक्त स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे. यहां मौजूद नर्स ने जांच के बाद गर्भवती को मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. लेकिन रास्ते में ही गुरुवती की प्रसव पीड़ा बढ़ गई.

बताया जा रहा है कि एंबुलेंस के ड्राइवर/ ईएमटी (इमरजेंसी टेक्निकल स्टाफ) ने एंबुलेंस में ही गर्भवती महिला की डिलीवरी करा दी. कुछ देर तक नवजात के रोने की आवाज नहीं आई, काफी देर बाद बच्चे के रोने की आवाज जरूर आई. लेकिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचने के कुछ समय के भीतर ही नवजात शिशु ने दम तोड़ दिया.

नवजात शिशु के पिता सुखलाल पहाड़ी कोरवा ने बताया कि सुबह 4:00 बजे प्रसव पीड़ा होने पर पत्नी को अजगरबहार अस्पताल ले गए थे, लेकिन वहां डॉक्टर मौजूद नहीं थे. पत्नी को रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही डिलीवरी हो गई थी.

मस्तिष्क में ज्यादा दबाव पड़ने से नवजात की मौत: कोरबा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसएन केसरी का कहना है कि नवजात शिशु को जब अस्पताल लाया गया तब तक वह जीवित था. लेकिन प्रसव के दौरान बच्चे के मस्तिष्क पर ज्यादा दबाव पड़ गया. इसी से नवजात की मौत हो गई. 102 महतारी एक्सप्रेस सरकारी एंबुलेंस में शासन स्तर से ही ऑक्सीजन का कोई प्रावधान नहीं है. इसका संचालन ईएमटी की तरफ से किया जाता है.

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश: कलेक्टर अजीत वसंत ने बताया कि कोरबा के करतला में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और जुड़वा बच्चों की मौत के मामले में मेडिकल कॉलेज के सुपरिटेंड और बीएमओ से जांच रिपोर्ट मांगी गई है. वहीं अजगरबहार के पास ग्राम पंचायत कदमझरिया में नवजात बच्चे की मौत मामले में सीएचसी और बीएमओ से मिली रिपोर्ट के बाद आगे कार्रवाई होगी.

एक दिन पहले भी हुई थी तीन मौत : कोरबा जिले में एक दिन पहले ही सोमवार को करतला विकासखंड के जोगीपाली में रहने वाले बिहारी लाल राठिया की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पत्नी कांति राठिया और उसके दो जुड़वा बच्चों की मौत हो गई थी. इन्हें भी सरकारी एंबुलेंस से अस्पताल लाया गया था. पति ने एंबुलेंस में ऑक्सीजन नहीं होने का आरोप लगाया था, जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने सफाई देते हुए कहा था कि सातवे महीने में ही प्रीमेच्योर डिलीवरी के कारण नवजात शिशुओं की मौत हुई. डिलीवरी घर में करवाई जा रही थी. प्रसव के दौरान महिला का प्लेसेंटा बाहर नहीं आया. जिससे अधिक रक्त स्राव हो जाने की वजह से उसकी मौत हुई.

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