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25 मई को झारखंड सरकार के दो मंत्रियों से ED करेगी पूछताछ, टेंडर कमीशन मामले को लेकर भेजा समन

झारखंड सरकार के मंत्री बादल पत्रलेख और हफीजुल हसन को ED समन भेजा है. इन दोनों मंत्रियों से सवाल करेगी. बताया जा रहा है कि ED ने यह समन टेंडर कमीशन मामले में जारी किया है. इसके कमीशन के दायरे में कई मंत्री और अधिकारी है. इसी मामले में IAS मनीष रंजन को भी ED ने समन किया है जिनसे 24 मई को पूछताछ होनी है.

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बादल पत्रलेख और हफीजुल हसन कैसे इन मामलों में घिरे हैं इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आयी है. इसी बीच निशिकांत दुबे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस को कितनी भी गाली दूं ऐसे दो नेता है जो मेरे खिलाफ कभी नहीं बोलते, बादल पत्रलेख और हफीजुल हसन. उन्होंने आगे कहा कि ऐसा नहीं है कि वह मेरा सम्मान करते है इसलिए नहीं बोलते वो डरते हैं कि मैंने हेमंत सोरेन को जेल भेज दिया अगर किसी दिन हम बोल दिये तो हमें जेल भेज देंगे.

हफीजुल हसन को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, निबंधन विभाग, पर्यटन, कला संस्कृति खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग मिला है. चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में दो मुस्लिम चेहरे हैं. इसके पहले आलमगीर आलम ने 2 फरवरी को शपथ लिया था. आलम कांग्रेस से पाकुड़ सीट से विधायक और कांग्रेस के विधायक दल के नेता हैं. वह पहले बिहार सरकार में भी उद्योग विकास मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. फिलहाल आलमगीर आलम को टेंडर कमीशन घोटाला के मामले में ED ने रिमांड पर रखा है. बादल पत्रलेख देवघर के जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं. इस खबर के साथ ही चर्चा यह भी तेज है कि इसमें कई और मंत्री और अधिकारी ED की रडार में है. इनसे पूछताछ में कई और नाम भी सामने आ सकते हैं.

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