सूरत: दुबई में चीनी कंपनी को प्री एक्टिव सिम कार्ड भेजने वाले रैकेट का भंडाफोड़, दो आरोपी एयरपोर्ट से गिरफ्तार

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने नए रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस रैकेट के सदस्य भारत से प्री-एक्टिवेटेड सिमकार्ड ले जाकर दुबई में चीनी कंपनियों को बेचा करते थे. फिर इन कार्डों का उपयोग भारत में लोगों को निशाना बनाने और ठगी के लिए किया जाता है. यह एक सुव्यवस्थित रैकेट है, जो यह सुनिश्चित करता है कि भारत में किन क्षेत्रों से ज्यादा से ज्यादा प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड मिल सकते हैं.

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दुबई में चीनी कंपनी को गैर कानूनी तरीके से इंडियन प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड भेजने वाले दो लोगों को SOG ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि उन दोनों के पास 192 सिम कार्ड थे. जिसे लेकर फ्लाइट से वह दुबई जाने की तैयारी में थे, लेकिन उससे पहले ही दबोचे गए. रैकेट का मास्टर माइंड दिनेश मारवाड़ी है, जो फिलहाल दुबई में रहता है.

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के एएसआई जलू और हेड कांस्टेबल रामजी को संयुक्त रूप से जानकारी मिली कि इस तरह सिम कार्ड को दुबई ले जाने की फिराक में सूरत रेलवे स्टेशन पर सिम कार्ड की डिलीवरी होने वाली है. पुलिस ने मूल रूप से अमरेली जिला के धारी तालुका के रहने वाले और सूरत में वराछा के भागीरथ सोसाइटी विभाग-1 निवासी अजय किशोर सोजित्रा तथा सिम कार्ड की डिलीवरी लेने आए मूल रूप से नडियाद के रहने वाले और दुबई में रह रहे सहाद फारूक बगुना को गिरफ्तार किया है.

अजय 15 दिन पहले सिम कार्ड लेने के लिए दुबई से सूरत आया था. अजय सोजित्रा दुबई में एक आईटी कंपनी में काम करता है और उसकी सैलरी डेढ़ लाख प्रति माह है. उसकी पत्नी और बच्चे दुबई में हैं. जबकि सहाद 3 साल से दुबई में काम करता है और उसकी सैलरी 50 हजार है. अजय सोजित्रा साल में 8 से 10 बार और सहाद बागू 6 से 7 बार भारत आ चुके हैं.

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि सूरत से एक प्री-एक्टिव सिम कार्ड 1200 से 1400 रुपए में खरीदते हैं और उसे सिम कार्ड को दुबई में 5000 रुपए में बेचते हैं. SOG द्वारा महिधरपुरा पुलिस स्टेशन में एक एनसी सिम कार्ड को लेकर दर्ज की गई है और सिम कार्ड धारकों के बारे में तथा सिम कार्ड किस तरह से और कैसे उपयोग में आता है. इसकी आगे की जांच भी पुलिस करेगी.

पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया गया है कि जितने भी सिम कार्ड उन्होंने बरामद किए हैं. उसकी जानकारी निकलेंगे और जिसके नाम पर भी सिम कार्ड लिए गए हैं. उन्हें बुलाकर स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया जाएगा. उन सभी से पूछा जाएगा तकि क्या उनके नाम पर सिम कार्ड लिए गए थे. इसके अलावा उमेश, रेशमा और केतन के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है. पुलिस इस दिशा में कार्य कर रही है.

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