फ्रांस की राजधानी पेरिस में चल रहे ओलंपिक (Paris Olympics 2024) को इको-फ्रेंडली बनाने के लिए आयोजकों ने खिलाड़ियों के कमरों में एयर-कंडीशन न लगाने का फैसला किया. आयोजकों का कहना था कि वे टूर्नामेंट का कार्बन फुटप्रिंट कम करना चाहते हैं, हालांकि ‘ग्रीन ओलंपिक’ की दिशा में उठाया गया यह कदम खिलाड़ियों पर भारी पड़ा.
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खिलाड़ियों ने पेरिस में गर्मी की शिकायत की. भारतीय खिलाड़ी भी इस समस्या से अछूते नहीं रहे. भारत सरकार ने खिलाड़ियों की इस परेशानी को संज्ञान में लेते हुए खेल गांव में भारतीय खिलाड़ियों के कमरों में 40 एयर कंडीशनर मुहैया करवाए हैं.
खेल मंत्रालय ने जारी किया बयान
पेरिस में अचानक बढ़े तापमान को देखते हुए खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण और भारतीय ओलंपिक संघ ने संयुक्त बैठक बुलाई. फ्रांस में भारतीय दूतावास में आयोजित इस बैठक में फैसला लिया गया कि खिलाड़ियों के लिए एयर कंडीशनर का इंतजाम किया जाएगा.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “पेरिस में तापमान और उमस अचानक बढ़ने के कारण ओलंपिक खेल गांव में एथलीटों के सामने आने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, शुक्रवार सुबह खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण और भारतीय ओलंपिक संघ के बीच फ्रांस में भारतीय दूतावास पर एक समन्वय बैठक आयोजित की गई. यह निर्णय लिया गया कि फ्रांस में भारतीय दूतावास पेरिस में 40 एसी खरीदेगा और इसे खेल गांव के उन कमरों में उपलब्ध कराएगा जहां भारतीय एथलीट रह रहे हैं.”
इस फैसले के बाद खिलाड़ियों के कमरों में एसी उपलब्ध करवा दिए गए हैं. ये एसी ‘प्लग एंड प्ले’ यूनिट हैं यानी इन्हें इंस्टॉल करने के लिए विशेष इंतजाम की जरूरत नहीं है. एथलीटों ने पहले ही एसी का उपयोग करना शुरू कर दिया है. इस कदम के बाद खेल मंत्रालय को उम्मीद है कि खिलाड़ियों को बेहतर आराम मिलेगा जो अच्छे प्रदर्शन के लिए बहुत जरूरी है. सभी मशीनों का खर्च खेल मंत्रालय ने वहन किया है.
क्यों पड़ी एसी की जरूरत?
ओलंपिक 2024 के उद्घाटन समारोह में बारिश ने दस्तक जरूर दी थी, लेकिन उसके बाद से पेरिस का मौसम बेहद गर्म हो गया है. हाल के दिनों में पेरिस का तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की जिमनास्ट साइमन बाइल्स, ब्रिटेन के टेनिस खिलाड़ी जैक ड्रेपर और कनाडा की टेनिस खिलाड़ी लैला फर्नांडिस भी पेरिस में अत्यधिक गर्मी और उससे निपटने के उपायों की कमी की शिकायत कर चुकी हैं.
कई एथलीट्स ने ओलंपिक खेल शुरू होने से पहले चेतावनी दी थी कि ये इतिहास में सबसे गर्म हो सकते हैं. उनका कहना था कि जुलाई और अगस्त के दौरान तेज गर्मी के पूर्वानुमान के कारण कई खिलाड़ी बेहोश होकर गिर सकते हैं. यहां तक कि खेलों के दौरान अपनी जान भी गंवा सकते हैं.
खिलाड़ियों के लिए परेशानियां और भी
गौरतलब है कि भारतीय खिलाड़ियों ने कई और परेशानियों को लेकर भी शिकायत की है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के एक टेबल टेनिस खिलाड़ी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि खेल गांव में बनाए गए ‘गत्ते’ के बेड बहुत तकलीफदेह थे और उन पर सोना मुश्किल नहीं था. बैडमिंटन खिलाड़ी तनीषा क्रैस्टो ने बताया कि खेल गांव में खाने का भी पर्याप्त इंतजाम नहीं था और कई बार उनके डाइनिंग हॉल तक पहुंचने से पहले ही काफी कुछ खत्म हो जाया करता था.
भारतीय दल के एक अधिकारी ने कहा कि इस मुद्दे को आयोजकों के समक्ष उठाया गया है और सेवाएं धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं. उन्होंने कहा, “हमने अपने एथलीटों को बाहर से ऑर्डर करने में सावधानी बरतने की सलाह दी है क्योंकि हम क्वालिटी के बारे में सुनिश्चित नहीं हो सकते हैं. गांव के अंदर कम से कम गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा.”