जगदलपुर महापौर सफीरा साहू ने भाजपा प्रवेश के बाद अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि भाजपा प्रवेश के बाद कांग्रेस के लोग मुझ पर भड़ास निकाल रहे हैं. मैं दो छोटे बच्चों के साथ रहती हूं. ऐसे में मुझे और मेरे परिवार के सामने प्राण का संकट है. इसके अलावा महापौर ने कई संगीन आरोप कांग्रेस संगठन पर लगाए हैं.
महापौर साहू ने कहा कि कांग्रेस के भीतर छिछोरे पुरुष कार्यकर्ताओं की भरमार है, जो महिलाओं से अभद्र और अश्लील व्यवहार करते हैं. वर्तमान जिलाध्यक्ष के आसपास कई ऐसे तत्व हैं जो महिलाओं के लिए गलत मानसिकता रखते हैं. पूरे कांग्रेस भवन का माहौल खराब हो चुका है. जब मैं कांग्रेस से जुड़ी थी, तब भी ऐसा ही माहौल था.
बाद में राजीव शर्मा, जतिन जायसवाल और मिथिलेश स्वर्णकार के समय माहौल सुरक्षित रहा. मैं नाम नहीं लेना चाहती लेकिन कांग्रेस में अब छिछोरे लोग सम्मिलित हो चुके हैं. पुरुष कार्यकर्ता महिलाओं से अभद्रता से बात करते हैं. कई ऐसे बातें हैं, जिसे सार्वजनिक तौर पर बताने में भी शर्मिंदगी महसूस होती है.
महापौर साहू ने कहा कि पिछले कुछ महीने से कांग्रेस भवन के भीतर के माहौल से मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रही थी, इसलिए मजबूरी में कांग्रेस छोड़ा है. पिछले दिनों निगम अध्यक्ष के विरूद्ध भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था. उस समय जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य ने बहुत गलत तरीके से बात की थी.
पार्षदों की बैठक में महिला पार्षदों को नीचा दिखाते हुए पार्षदों को मिलने वाले ₹15 हजार मानदेय को लेकर कहा था कि कांग्रेस के निशान की वजह से पार्षद बने हो तब यह रुपये मिल रहे हैं. महिला जनप्रतिनिधियों से अभद्रता की हद पार की गई.
सफीरा ने कहा कि कांग्रेस के जो लोग अब मेरे कार्यकाल पर सवाल उठा रहे हैं वे तब क्यों चुप थे जब वह कांग्रेस में रही. मैं स्वयं चाहती हूं कि हर चीज की निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए. महापौर निधि के साथ पूरे 48 वार्ड के पार्षद निधि की भी जांच होनी चाहिए. महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष के वॉर्ड में निर्मित राशन दुकान का काम हुआ है उसकी भी जांच की जाए.
महापौर नीधि की फाइल गुम होने के आरोप लगा रहे हैं, पर वास्तविकता में ऐसी कोई बात नहीं है. आयुक्त हरेश मंडावी बैठक में सदर वॉर्ड में नाली निर्माण से संबंधित फाइल मांगी थी. महापौर निधि के तहत जो इंजीनियर काम कर रहे थे उनका स्थानांतरण हो गया था. नए इंजीनियर को फाइल की जानकारी नहीं थी. बाद में सब स्पष्ट हो चुका है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में भाजपा महापौर सफीरा साहू के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली भाजपा को अब उसी महापौर पर भरोसा हो गया है, जिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे. भाजपा की वाशिंग मशीन में धुलकर भ्रष्टाचार की सफाई हो रही है. दअरसल महापौर सफीरा साहू को भय हो रहा है कि अब भाजपा उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू कर सकती है. इसलिए भय की वजह से वह भाजपा में सम्मिलित हुई है.
कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य ने महापौर सफीरा साहू के आरोप को सिरे से नकारते हुए कहा कि कांग्रेस में रहते हुए महापौर सफीरा साहू को अभद्रता, अश्लीलता महसूस नहीं हुआ. अब वे राजनीति से प्रेरित बयानबाजी देकर मेरी व कांग्रेस की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रही हैं. महापौर के साथ जो महिला पार्षद गई हैं, उनके साथ भाजपा से मिलकर नगर निगम अध्यक्ष कविता साहू के विरूद्ध प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने की मानसिकता के साथ महापौर काम कर रही थी.
उन्हें रोकने का प्रयास मेरे द्वारा किया गया था, इसलिए इस तरह के आरोप लगा रही है. बंद कमरे की बैठक में पर्यवेक्षक प्रमोद दुबे और रेखचंद जैन के सामने क्या बात हुई है और प्रस्ताव के पक्ष में महापौर क्या करना चाहती है, इसकी जानकारी पार्टी नेतृत्व को भी है. अविश्वास प्रस्ताव के समय सारे पार्षद महापौर साहू के विरूद्ध थे. संगठन को नुकसान पहुंचाने का महापौर का कुत्सित प्रयास नहीं सफल हो सका इसलिए पार्टी छोड़कर भाग खड़ी हुई.
महापौर के कार्यकाल में नेता प्रतिपक्ष संजय पांडेय के वार्ड में सबसे अधिक काम हुए, इसकी जांच की जानी चाहिए. स्पष्ट है कि महापौर, भाजपा से सांठ-गांठ कर नगर निगम में भ्रष्टाचार कर रही थी. एमआइसी सदस्य राजेश राय के वार्ड में प्रस्तावित नाला को शहर के रसूख वालों के पक्ष में चंद्रशेखर वॉर्ड में लालबाग के पास खेतों के बीच बना दिया जाता है. इस तरह के दर्जनों हेर-फेर और भ्रष्टाचार महापौर सफीरा साहू ने अपने कार्यकाल में किए हैं. इन सबकी जांच होनी चाहिए.