चेहरे पर घने बाल वाले रतलाम के ललित पाटीदार का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज

रतलाम। चेहरे पर घने बाल लिए जन्मे रतलाम जिले के ग्राम नांदलेटा निवासी 19 वर्षीय ललित पाटीदार की यह विकृति ही अब ख्याति का कारण बन गई है. वेयरवोल्फ सिंड्रोम के चलते हुई, दुर्लभ बीमारी से परेशान रहे ललित का नाम किसी भी पुरुष के चेहरे पर सबसे अधिक 201.72/ सेमी होने पर गिनीज बुक में दर्ज किया गया है.

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गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने करीब दो वर्ष पूर्व ललिट से संपर्क किया था. 8 फरवरी को ललित ने अपने सहयोगी परिचित जितेंद्र कुमार पाटीदार के साथ इटली के लिए रवाना हुए. मिलान शहर में छह दिन तक विशेषज्ञों ने जांच की. इसके बाद गत 13 फरवरी को इटली के मिलान में लो शो देई रिकॉर्ड के सेट पर सत्यापन के बाद उसे सर्टिफिकेट और मैडल दिया गया.

जीवन में हुए अच्छे और बुरे अनुभव

डॉक्टरों का कहना है कि दुनिया में केवल 50 लोग ही होते हैं, जो इस बीमारी से पीड़ित होते हैं, क्योंकि यह बहुत ही असामान्य बीमारी है. जन्मजात बीमारी के बीच ललित पाटीदार ने अभी तक के जीवन में कई तरह के अनुभव किए हैं। इसमें कुछ अच्छे तो कुछ बुरे हैं.

बचपन में बच्चे साथ खेलने से कतराते थे. कुछ ने बाल हनुमान समझकर मान भी दिया तो कुछ ने पत्थर भी मारे. परिवार व दोस्तों के सहयोग से समय निकल गया. सामान्य बच्चे, किशोर के रूप में जीवन जीने की इच्छा हमेशा मन में रहती है, लेकिन जो है, उसमें भी अब खुशी है.

ललित की मां पर्वतबाई व पिता बंकटलाल हैं. खेती किसानी करने वाले इस परिवार को ललित के इलाज के लिए भी लंबी मशक्कत करना पड़ी. कंजेनिटल हायरट्राइकोसिस नामक बीमारी से पीड़ित ललित के लिए अब यह सामान्य बात हो गई है. चेहरे पर लंबे बाल के कारण देखने में भी परेशानी होती है.

पढ़ाई शुरू की तो बनते गए दोस्त

ललित गांव के ही शासकीय स्कूल में कक्षा 12 वीं पढ़ाई कर रहा है. अच्छा खिलाड़ी होने के साथ ही बाइक आदि भी चला लेता है. स्कूल जाने के साथ ही दोस्त भी बनते गए और सबके साथ वह खेलों में भी भाग लेता है. उसका अपना यूट्यूब चैनल भी है.

चार बहनों का इकलौता भाई

ललित के घर में माता-पिता के साथ ही चार बहनें हैं. वह उनका इकलौता भाई है. अब उसकी दिनचर्या सामान्य हो गई है. डॉक्टरों ने 21 वर्ष की उम्र के बाद उपचार व सर्जरी होने की संभावना जताई है.

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