यूपी के संभल में हुई हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की ओऱ से फटकारा लगाई गई है, इसके बाद भी लोगों को शर्म नहीं आती है. उन्होंने कहा कि लोग मनमानी करने पर आमादा हैं, न्यायिक सेवा के अधिकरियों को धमकाया जा रहा है. अफजाल ने कहा कि जो अधिकारी उछल रहे हैं, उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ेगा. वक्त आएगा. अभी जो लोग हैं, वो बदले जाएंगे.
अफजाल ने कहा कि जो ज्यादतियां हो रही हैं, सबका हिसाब किताब होगा. कानून के रास्ते सबका हिसाब होगा. संभल में पहले ऐसी परिस्थितियां पैदा की गईं कि लोग उत्तेजित हों और अब वहां महिलाओं को भी जेल भेजा जा रहा है. लोगों की दुकानें जलाई गईं.
बता दें कि शनिवार को समाजवादी पार्टी का डेलिगेशन संभल गया था, लेकिन प्रतिनिधिमंडल को संभल जिले में प्रवेश करने से रोक दिया गया. इसमें कई विधायक और संभल के सांसद भी शामिल थे. प्रशासन ने शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बाहरी लोगों और जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर प्रतिबंध को 10 दिसंबर तक बढ़ा दिया है. बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध शनिवार को समाप्त होने वाला था.
समाजवादी पार्टी ने X पर एक पोस्ट में कहा कि भाजपा सरकार और प्रशासन की विफलता के कारण संभल में हुई हिंसा में जान गंवाने वालों के परिजनों को समाजवादी पार्टी 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी. साथ ही मांग की कि उत्तर प्रदेश सरकार को मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए.
क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू करने के फैसले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की विफलता है, अगर सरकार ने दंगा भड़काने का सपना देखने वालों और लोगों से उन्मादी नारे लगवाने वालों पर पहले ही ऐसा प्रतिबंध लगा दिया होता तो संभल में सौहार्द और शांति का माहौल खराब नहीं होता.