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वाराणसी: उदय प्रताप कालेज की जमीन को वक्फ बोर्ड का बताने के बाद मचा घमासान, छात्राओं ने आंदोलन करने की दी चेतावनी

वाराणसी के भोजूबीर स्थित उदय प्रताप कॉलेज को लेकर वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताए जाने को लेटर वायरल होने पर कालेज में काफी गहमागहमी बढ़ गई है. कॉलेज के अंदर मस्जिद में जुम्मे की नमाज अदा करने को लेकर 500 के आसपास लोग पहुंचें. इसके पहले दर्जनों की संख्या में लोग पहुंचते थे. जिसको लेकर प्रशासन अलर्ट रहा पुलिस फोर्स एवं पीएसी तैनात की गई. पूरे मामले को लेकर उदय प्रताप कॉलेज के छात्रों ने जिला अधिकारी एवं कमिश्नर से पत्रक सौंप कर जांच करने की मांग, उन्होंने मांग की विश्वविद्यालय में जांच कर मस्जिद को हटाया जाए. नमाज पढ़ने के बाद मुस्लिम पक्ष ने अपना दावा किया कि, यह कालेज के बनने से पहले ही यह संपत्ति वक्फ बोर्ड की थी. जिसका दावा हम लोग तीन-चार दिनों में पेश करेंगे.

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उदय प्रताप कॉलेज के 115वें स्थापना दिवस प्रोग्राम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 25 नवंबर दिन सोमवार को शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि यूपी कॉलेज को विश्वविद्यालय बनने के लिए सारी चीजें प्राप्त हैं, इसके बाद से 2018 का वक्फ बोर्ड का एक लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें यूपी कॉलेज की संपत्ति को वक्फ बोर्ड का बताया गया है. इसको लेकर कालेज प्रबंधन ने बताया कि, इसका जवाब वक्फ बोर्ड को दे दिया गया है.

पूरे मामले को लेकर उदय प्रताप कॉलेज के छात्र विवेकानंद ने बताया कि जिला अधिकारी एवं संयुक्त पुलिस कमिश्नर को पत्रक देकर मांग की गई है कि उदय प्रताप कॉलेज में हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने आते हैं, जिसमें कॉलेज के छात्र पढ़ने आते हैं इन्हें रोका जाए. विवेकानंद ने आगे बताया कि यह पहले मजार हुआ करता था, मजार में नमाज नहीं पढ़ा जाता है, उन्होंने आगे बताया कि 2005 से हम लोग यहां पढ़ाई कर रहे हैं. सन 2005 से 2012 तक यहा कोई नमाज पढ़ने नहीं आता था. क्योंकि लोग मजार में नमाज नहीं पढ़ते हैं, लेकिन अब स्थिति यह हो गई है कि वाराणसी के विभिन्न हिस्सों से लोग नमाज पढ़ने के लिए यहां आ रहे हैं.

छात्र विवेकानंद ने आरोप लगाया कि 2020 में कोविड आने के बाद धीरे-धीरे लोगों ने इसका विस्तार करना शुरू किया. जब इसकी जानकारी छात्रों को हुई तो पुलिस एवं जिला प्रशासन पहुंचकर सारे सामानों को बाहर कराया. उन्होंने आगे कहा कि जिला प्रशासन से हमारी मांग है कि जब तक यह निर्णय नहीं हो जाता है कि, यह किसके जमीन पर स्थापित है जब तक यह निर्णय नहीं हो जाता है तब तक इन लोगों को रोका जाए दो-चार लोगों को चिन्हित कर रखवाली करने के लिए तय किया जाए. विवेकानंद ने आगे कहा कि अगर इस पर त्वरित कार्रवाई नहीं हुई तो छात्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.

ज्ञानवापी मंदिर के पक्ष कार्य एवं मुस्लिम समुदाय के मुख्तार ने बताया कि यह मस्जिद की जमीन है. इसको लेकर पर्याप्त दस्तावेज है. जिसको हम लोग इकट्ठा कर रहे है, उन्होंने आगे कहा कि तीन-चार दिनों के पास हम अपने दस्तावेज लेकर वक्फ बोर्ड के पास जाएंगे. यह कोई धार्मिक लड़ाई नहीं है यह यूपी कॉलेज प्रशासन और वक्फ बोर्ड के बीच का मामला है, जिसमें हमारे मजार एवं मस्जिद है.

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