ED ने एक मैजिस्टेरियल कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एजेंसी के समन का जवाब नहीं दिया. इसके बाद मजिस्ट्रियल कोर्ट ने खुद केजरीवाल को समन जारी किया था. मजिस्ट्रियल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए केजरीवाल ने स्पेशल कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
इस याचिका पर ED ने जवाब दाखिल किया, लेकिन केजरीवाल के वकील ने ED के जवाब पर प्रतिक्रिया देने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था. वकील ने कहा कि केजरीवाल के जेल में होने की वजह से उनसे निर्देश नहीं ले पा रहे हैं. स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को केजरीवाल को जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया है.
इसे लेकर जज ने कहा कि केजरीवाल के वकील का कहना है कि उन्हें ED के जवाब पर अपना जवाब दाखिल करना है, लेकिन केजरीवाल इस समय जेल में हैं इसलिए उनसे निर्देश नहीं ले पाए हैं. केजरीवाल के खिलाफ देशभर की जेलों में 30 से ज्यादा केस पेंडिंग हैं, लिहाजा हम उनके वकील को अगली सुनवाई से पहले अपना जवाब दाखिल करने का समय देते हैं. अब इस मामले की सुनवाई 14 मई को होगी.
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की अध्यक्षता वाली बेंच ने 20 अप्रैल को मामले की सुनवाई की थी. कोर्ट ने ED को अपना पक्ष रखने के लिए दो हफ्ते का समय दिया. कोर्ट ने केजरीवाल के वकीलों से भी पूछा- आप (केजरीवाल) ED के सामने पेश क्यों नहीं होते? आप देश के नागरिक हैं, समन सिर्फ नाम के लिए है.
इस पर CM के वकीलों ने कहा कि AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को ED गिरफ्तार कर चुकी है. ED केजरीवाल को भी गिरफ्तार कर सकती है. वे भाग नहीं रहे हैं, लेकिन अगर उन्हें सुरक्षा मिली, तो वे पेश हो जाएंगे.
ED ने 17 मार्च को दिल्ली शराब नीति मामले में केजरीवाल को 9वां समन भेजा था. उन्हें PMLA के तहत पूछताछ के लिए 21 मार्च को पेश होने के लिए कहा गया. केजरीवाल 19 मार्च को समन के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे थे.
ED ने शराब नीति केस के साथ दिल्ली जल बोर्ड के टेंडर केस में भी केजरीवाल को समन भेजा था. इस मामले में दिल्ली CM को मिला यह पहला समन है. जल बोर्ड केस में उन्हें 18 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं गए.
शराब नीति केस में केजरीवाल को इस साल 27 फरवरी, 26 फरवरी, 22 फरवरी, 2 फरवरी, 17 जनवरी, 3 जनवरी और 2023 में 21 दिसंबर और 2 नवंबर को समन भेज गया था. हालांकि वे एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं गए.